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भारतीयोंका मताधिकार


१९. वे मछलियाँ पकड़ने और उनकी हिफाजत करनेमें प्रशंसनीय परिश्रम करते हैं। डर्बन-बेके सैलिसबरी द्वीपमें भारतीय मछुओंकी बस्ती न सिर्फ भारतीयोंके लिए, बल्कि उपनिवेशके गोरे निवासियोंके लिए भी बहुत लाभदायक हुई है।
२०. . . . अन्तःवर्ती और तटवर्ती दोनों प्रकारके जिलोंके बहुत-से क्षेत्रोंमें उन्होंने उजाड़ और बंजर जमीनको बागोंमें बदल दिया है, जिनकी हिफाजत अच्छी तरह की जाती है। उनमें साग-सब्जियों, तम्बाकू, मकई और फलोंकी उपज की जाती है। जो लोग डर्बन और पीटरमेरित्सबर्गके आसपास रहते हैं, उन्होंने स्थानीय बाजारों को साग-सब्जी देनेका पूरा-का-पूरा व्यापार अपने अधीन कर लिया है। स्वतन्त्र भारतीयोंकी इस प्रतिद्वन्द्विताका यह परिणाम तो हुआ ही होगा कि जिन यूरोपीयोंके हाथमें अबतक इस रोजगारका एकाधिकार था उनको नुकसान पहुँचा हो। . . . स्वतन्त्र भारतीयों के प्रति न्यायकी दृष्टिसे हमें कहना ही होगा कि प्रतिद्वन्द्विताका स्वरूप न्यायपूर्ण है और, अवश्य ही, साधारण समाजने उसका स्वागत किया है। भारतीय फेरीवाले — पुरुष और स्त्री, बड़े और छोटे, रोज तड़के उठकर, अपने सिरोपर भारी-भारी टोकरियाँ रखकर, घर-घर जाते हैं, और इस तरह अब नागरिकोंको गुणकारी साग-सब्जी और फल अपने दरवाजे पर ही सस्ते दामों मिल जाते हैं। अभी ज्यादा बरस नहीं हुए हैं जब कि इन्हीं चीजोंको शहर के बाजारोंमें भी, और बहुत महँगे भाव चुकानेपर भी पा सकनेका भरोसा नहीं रहता था।

जहाँतक व्यापारियोंका सम्बन्ध है, आयुक्तोंकी रिपोर्टमें पृष्ठ ७४ पर कहा गया है :

हमें पक्का विश्वास हो गया है कि उपनिवेशको तमाम भारतीय आबादीके खिलाफ यूरोपीय उपनिवेशियोंके मनमें जो चिढ़ है, उसका बहुत-सा अंश इन अरब व्यापारियोंकी यूरोपीय व्यापारियोंके साथ प्रतिद्वन्द्विता करनेकी असन्दिग्ध योग्यतासे पैदा हुआ है, और खासकर उनके साथ जो अबतक ऐसी वस्तुएँ — विशेषतः चावल — बेचने की ओर ही मुख्य ध्यान रखते थे, जिनकी भारतीय आबादी में बहुत खपत होती है। . . .
हमारा खयाल है कि ये अरब व्यापारी प्रवासी कानून के अनुसार लाये गये भारतीयोंके आकर्षणसे नेटालमें आये हैं। इस समय जो ३०,००० भारतीय प्रवासी उपनिवेशमें हैं, उनका मुख्य भोजन चावल है। और इन कुशल व्यापारियोंने चावल मुहैया करनेके व्यापारमें अपनी चतुराई और मेहनतका प्रयोग इतनी सफलता के साथ किया कि पहलेके बरसोंमें जो चावल २१ शि° फी बोरा बिकता था, उसका भाव १८८४ में १४ शिलिंग फी बोरे तक गिर गया।