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प्रार्थनापत्र : नेटाल विधानसभाको


भारतीय विषयोंके जो विद्वान जीवित हैं उनमें सबसे अधिकारपूर्वक बोल सकने वाले सर विलियम विल्सन हंटर हैं। उनका कथन है :

लॉर्ड क्रॉसके १८९२ के कानून के अनुसार, अब विधान परिषदोंमें चुनाव-तत्त्वका सावधानी के साथ विस्तार किया जा रहा है। यह विस्तार सर्वोच्च तथा प्रान्तीय, दोनों सरकारोंकी परिषदोंमें हो रहा है।

'टाइम्स' ने नेटालमें भारतीयोंके मताधिकारकी चर्चा करते हुए कहा है :

नेटालवासी भारतीय भारतमें जिन विशेषाधिकारोंका उपभोग करते हैं, उनसे अधिकको माँग नहीं कर सकते, और उन्हें भारत में किसी प्रकारका मताधिकार हासिल है ही नहीं — यह तर्क वस्तुस्थितिके विपरीत है। भारतमें भारतीयोंको ठीक वही मताधिकार प्राप्त है, जो अंग्रेजोंको है।

नगरपालिकाके मताधिकारकी चर्चा करनेके बाद लेखमें कहा गया है :

हमारी भारतीय शासन प्रणाली में जिसे उच्च मतदाता-मण्डल कहा जा सकता है, उसपर भी इसी तरहका सिद्धान्त आवश्यक संशोधनोंके साथ लागू है। सर्वोच्च और प्रान्तीय विधान परिषदोंके निर्वाचित सदस्योंका चुनाव मुख्यतः भारतीयोंकी संस्थाओं द्वारा होता है। और ये परिषदें २२,१०,००,००० ब्रिटिश प्रजाकी व्यवस्था करती है। सर्वोच्च और प्रान्तीय विधानमण्डलोंमें सरकारी प्रतिनिधियोंके अलावा लगभग आधे सदस्य भारतीय हैं। इस सादृश्यको हदसे ज्यादा खींचना गलत होगा। परन्तु ब्रिटिश उपनिवेशों में भारतीयोंको मताधिकार न देनेके तर्कका जवाब इसमें मिल जाता है। उस तर्कका आधार यह है कि भारतीयोंको भारतमें मताधिकार प्राप्त नहीं है। जहाँतक भारत में मत द्वारा शासनका अस्तित्व है, अंग्रेज और भारतीय एक बराबर हैं। और नगरपालिका, प्रान्तीय तथा सर्वोच्च परिषदोंमें समान रूपसे भारतीयोंका प्रतिनिधित्व प्रभावशाली है।

भारतमें नगरपालिकाके मताधिकार बहुत व्यापक है। और नगरपालिकाके निगम तथा स्थानीय बोर्ड लगभग सारे देशमें बिखरे हुए हैं।

नेटालमें जो भारतीय पहलेसे मतदाता सूचीमें शामिल हैं उनकी चर्चा करते हुए टाइम्स' के उपर्युक्त लेखमें कहा गया है :

ठीक इसी वर्ग के लोग भारतके नगरपालिकाके तथा अन्य मतदाता मण्डलों में सबसे अधिक महत्त्व रखते हैं। वहाँकी कुल ७५० नगरपालिकाओं में अंग्रेज और भारतीय मतदाताओंको बराबर अधिकार है। १८९१ में नगरपालिकाओंके ८३९ यूरोपीय सदस्योंके मुकाबले भारतीय सदस्योंकी संख्या ९,७९० थी। इसलिए भारतीय नगरपालिकाके बोडोंमें यूरोपीय मतोंकी संख्या ८ भारतीय मतोंके पीछे केवल १ थी, जब कि नेटालके मतदाता-मण्डलमें १ भारतीय मतके पीछे ३७ यूरोपीय मत हैं। . . . याद रहे, भारतीय नगरपालिकाएँ डेढ़ करोड़की आबादी और ५ करोड़ रुपयोंके खर्चकी व्यवस्था करती हैं।