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दक्षिण आफ्रिकाका वैधानिक तन्त्र

तो ७५ पौंड कमाते हों या जिनके पास ५० पौंडकी अचल सम्पत्ति हो, पृथक् मतदाता सूची में नाम लिखानेका अधिकार था। वे तीन सदस्योंका चुनाव कर सकते थे। निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओंकी संख्या बराबर थी। किन्तु घट-बढ़ बराबर करनेके लिए निश्चित संख्या में १५ प्रतिशत कम-ज्यादा की गुंजाइश रखी गई थी।

सीनेटकी अवधि १० वर्ष और सदस्य संख्या ४८ थी। सब सदस्य यूरोपीय जमीन- जायदादके मालिक थे। इनमें से आठ-आठका चुनाव प्रत्येक प्रान्तके संसद-सदस्य और प्रान्तीय परिषद तथा दो का दक्षिण-पश्चिमी अफ्रिकाके संसद सदस्य और विधानसभा करती थी; १० की नियुक्ति सरकार करती और ४ का चुनाव ५ वर्षके लिए मुखियों, देशी परिषदों और देशी सलाहकार मण्डलोंके द्वारा अप्रत्यक्ष पद्धतिसे संघके आफ्रिकी लोग करते थे।

प्रान्तीय सरकारें

प्रान्तीय सरकारोंमें (१) एक प्रशासक होता था, जिसकी नियुक्ति ५ वर्षके लिए संघ सरकार करती थी। वह केवल सपरिषद गवर्नर-जनरल द्वारा संसदकी जानकारी से पदच्युत किया जा सकता था। (२) ४ सदस्योंकी एक कार्यपालिका परिषद होती थी। इन सदस्योंका चुनाव सानुपातिक मतदान द्वारा प्रान्तीय परिषदोंके सदस्य तीन वर्षके लिए करते थे। और (३) प्रान्तीय परिषदें होती थीं, जो तीन वर्षके अन्त में भंग हो जाती थीं। उनका चुनाव उसी मताधिकार द्वारा होता था, जो संघीय विधानसभा के लिए निश्चित था।

प्रशासकका क्षेत्र दो प्रकारका था। कार्यपालिका समितियोंके अध्यक्षकी हैसियत से वह उनकी कार्रवाइयोंमें शामिल होता था। वह वित्तीय विनियोगकी सिफारिशें तो करता था, किन्तु उसपर मत नहीं देता था। संघीय राज्य सरकारके प्रतिनिधिकी हैसियत से वह प्रान्तीय परिषदोंके अधिकार क्षेत्र से बाहरकी बातोंका प्रबन्ध करता था।

कार्यपालिका समितियोंको अवशिष्ट अधिकार प्राप्त थे। प्रान्तीय परिषद में विधान- मण्डलोंके सब गुण मौजूद थे। उन्हें निश्चित विषयोंपर अध्यादेश निकालने का भी अधिकार था। शर्त केवल यह थी कि वे संसदके अधिनियमोंके विरुद्ध न हों और सपरिषद गवर्नर-जनरल उन्हें मंजूरी दे दे। उनके अधिकाराधीन विषय थे — शिक्षा (उच्च शिक्षाको छोड़कर), अस्पताल, म्युनिसिपल संस्थाएँ और रेलवेको छोड़ कर शेष सब स्थानीय निर्माण कार्य। संसदीय और म्युनिसिपल संस्थाओंका यह अनोखा मेल संघीय भावनाके प्रति एक रियायत जैसा था। इससे संघ सरकारकी सत्ता क्षीण नहीं होती थी। संघीय संसदको उनके कार्योंको रद करने या बदलनेका अधिकार प्राप्त था।

दक्षिण आफ्रिकाके सर्वोच्च न्यायालयका पुनर्विचार-विभाग (अपीलेट डिवीजन) ब्लूमफॉन्टीनमें था और प्रान्तोंमें उसकी शाखाएँ थीं। उसे प्रान्तीय अध्यादेशोंकी वैधताका फैसला करनेका अधिकार था।

प्रान्तकी आयका ४० प्रतिशत तक प्रान्तीय करोंसे वसूल किया जा सकता था। शेषकी पूर्ति केन्द्रीय आयसे सहायताके रूपमें होती थी। प्रान्तोंके बीच वित्तीय सम्बन्धोंका नियमन १९१३ के वित्तीय सम्बन्ध अधिनियम द्वारा होता था।