पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 1.pdf/४२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३७१
दक्षिण आफ्रिकाका संक्षिप्त इतिवृत्त
सरकार द्वारा भारतीय प्रवासी आयोगकी नियुक्ति। आयोगके निष्कर्षोसे प्रकट हुआ कि उपनिवेशके यूरोपीयोंका जबरदस्त लोकमत इस बातके खिलाफ था कि 'भारतीय कृषि अथवा वाणिज्य-व्यापारमें उनके प्रतिद्वन्द्वी या बराबरीवाले बनकर रहें।' बेकवानालैंड ब्रिटिश रक्षित राज्य घोषित। दक्षिणी क्षेत्रको सम्राज्ञीके शासनाधीन उपनिवेश बना दिया गया।
१८८६ बेकवानालँडका कुछ हिस्सा केप उपनिवेशमें मिला दिया गया। ट्रान्सवालमें सोनेकी खानें पाई गई।
भारतीयोंके खिलाफ नेटालके यूरोपीयोंके आरोपोंकी जाँच करनेके लिए आयोग-की नियुक्ति। ब्रिटिश सरकारने घोषणा की कि १८८५ के कानून ३ के अर्थके अन्दर जो एशियाई- विरोधी कानून बनाये जायें उनका विरोध करनेका उसका इरादा नहीं है। परन्तु उसने व्यापारके लिए ट्रान्सवालमें बसनेका भारतीयोंका अधिकार स्वीकार किया।
१८८७ १८८५ के कानून ३ में संशोधन।

नेटाल सरकारके अधीन रखे गये जुलूलैंडके एक हिस्सेपर ब्रिटिश प्रभुसत्ताकी घोषणा। केप उपनिवेशमें संसदीय मतदाता पंजीकरण अधिनियम स्वीकृत। पहले औपनिवेशिक सम्मेलन में घनिष्ठतर राजनीतिक संघकी योजनाओंपर बहस करना नामंजूर।

जोहानिसबर्गका आविर्भाव।
१८८८ काफिरोंके वर्ग में शामिल किये जाने और ९ बजे रात के बाद सड़कोंपर चलने-फिरनेपर पाबन्दीके विरुद्ध ट्रान्सवाल सरकारके नाम भारतीयोंका प्रार्थनापत्र नामंजूर।
इस्माइल ऐंड कम्पनीके मामलेमें निर्णय दिया गया कि एशियाई लोग पृथक् बस्तियोंके अलावा और कहीं व्यापार नहीं कर सकते। झगड़ा पंच-फैसलेके लिए ऑरेंज फ्री स्टेटके मुख्य न्यायाधीशके सुपुर्द। पंचने अपने फैसलेमें मान्य किया कि सरकारको अदालतें जैसी व्याख्या करें उसके अनुसार, १८८५ के कानून ३ का अमल करानेका अधिकार है।
१८८९ रोड्सने मेटाबेलेसे खानें चलानेकी रियायत प्राप्त की। मेटाबेलेका युद्ध और विद्रोह; रोडेशिया पराजित।
सम्राज्ञीके अधिकारपत्र द्वारा ब्रिटिश दक्षिण आफ्रिका कम्पनीकी स्थापना।
१८९० केपमें रोड्सने अपना पहला मन्त्रिमण्डल बनाया।
ब्रिटिश दक्षिण आफ्रिका कम्पनीने माशोनालँडपर अधिकार कर लिया।