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हिंदी स्वराज्य

यदि ऐसा हो जाये तो उग्रपंथी और उदारपन्थी दोनों मिल जायेंगे मिल मिलना चाहिए; एक-दूसरेसे डरने अथवा अविश्वास करनेकी आवश्यकता सकेंगे नहीं है ।

पाठक : यह तो आप दोनों पक्षोंसे कहेंगे । अंग्रेजोंसे क्या कहेंगे ?

सम्पादक : उनसे मैं नम्रतापूर्वक कहूँगा कि आप हमारे राजा जरूर हैं । आप अपनी तलवारसे [ हमारे राजा ] हैं या हमारी इच्छासे, इस बातकी चर्चा करने की मुझे जरूरत नहीं है। आप हमारे देश में रहें इसमें भी मुझे कोई बुराई नहीं है। किन्तु राजा होते हुए भी आपको हमारा सेवक होकर रहना पड़ेगा। हमें आपका कहना करने के बजाय आपको हमारा कहना करना पड़ेगा। आजतक आप इस देशसे जो धन ले गये, वह आपको पच गया। किन्तु अब आगे आपको ऐसा नहीं करने दिया जा सकता । अगर आप भारतमें सिपाहीका काम करके रहना चाहें, तो रह सकते हैं । आपको हमारे साथ व्यापारका लालच छोड़ना पड़ेगा। आप जिस सभ्यताकी हिमायत करते हैं, उसे हम सभ्यता नहीं मानते। हम अपनी सभ्यताको आपकी सभ्यतासे बहुत ऊँचा मानते हैं। यदि आपको भी यह दिखाई पड़ जाये, तो इसमें आपका लाभ है । किन्तु यदि आपको वैसा दिखाई न दे, तो भी आपको अपनी ही कहावतके मुताबिक हमारे देशमें भारतीय होकर रहना चाहिए। आपके हाथों कोई ऐसा काम नहीं होना चाहिए जिससे हमारे धर्ममें बाधा हो । राज्यकर्त्ता होने के नाते आपका कर्तव्य है कि हिन्दुओंके सम्मानकी खातिर आप गायका माँस खाना छोड़ दें और मुसलमानोंके सम्मानके विचारसे बुरे जानवर [ सुअर ] का आहार छोड़ दें; हम दबे हुए थे, इसलिए बोल नहीं सके। किन्तु आप ऐसा न समझें कि आपके इस कामसे हमारी भावनाको चोट नहीं पहुँची। हम स्वार्थ अथवा अन्य किसी भयके कारण आपसे कह नहीं सके, किन्तु अब यह कहना हमारा कर्तव्य है। हम मानते हैं कि आपकी स्थापित की हुई पाठशालाएँ और अदालतें किसी कामकी नहीं। उनके बदले हमें अपनी प्राचीन और सच्ची अदालतें और पाठशालाएँ चाहिए ।

भारतकी भाषा अंग्रेजी नहीं है, हिन्दी है । वह आपको सीखनी पड़ेगी। और हम तो आपके साथ अपनी भाषामें ही व्यवहार करेंगे ।

आप रेलवे और सेनापर अपार खर्च करते हैं। वह हमसे देखा नहीं जाता । उसकी हमें जरूरत नहीं मालूम पड़ती। रूसका डर आपको होगा, हमें नहीं है। जब वह आयेगा तब हम देख लेंगे। यदि आप रहे तो हम दोनों मिलकर देख लेंगे। हमें विलायती अथवा यूरोपीय कपड़ा नहीं चाहिए। इस देशमें पैदा होनेवाली चीजोंसे ही हम अपना काम चला लेंगे। आप एक आँख मैन्चेस्टरपर और दूसरी हमपर रखें, यह नहीं बनेगा। आपका और हमारा हित एक ही है, इस तरह आप बरताव करेंगे तभी हमारा आपका साथ निभ सकता है ।

हम आपसे ये बातें अशिष्टतापूर्वक नहीं कह रहे हैं। आपके पास शस्त्र बल है, जबरदस्त जहाजी बेड़ा है। उसके मुकाबले हम उसी प्रकारकी शक्ति लगाकर नहीं

१. व्हेन इन रोम, डू ऐज़ रोमन्स डू' ।


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