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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
इकानामिक हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया-दत्त
 
विलेज कम्युनिटीज़ – मेन
 
प्रतिष्ठित व्यक्तियोंकी साक्षी

श्री अल्फ्रेड वेबके मूल्यवान संग्रहसे दिये जा रहे इन उद्धरणोंसे ज्ञात होगा कि भारतकी प्राचीन सभ्यताको आधुनिक पाश्चात्य सभ्यतासे कुछ भी नहीं सीखना है :

जे० सीमोर के, ब्रिटिश संसद सदस्य
(यह लेखक भारतमें बैंक-व्यवसायी रहा था )

यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि हमारी स्थिति भारतमें जंगली जातियोंके बीच सभ्यताका प्रकाश लेकर पहुँचे हुए सभ्य लोगोंकी कभी नहीं रही। हम जब भारत पहुँचे तो हमने देखा कि वहाँ उन लोगोंके पास एक प्राचीन सभ्यता है जो पिछले हजारों सालोंमें वहाँ रहनेवाली अतिशय बुद्धिमान जातियोंके चरित्र में धुल-मिल गई है और उनकी सारी जरूरतोंको पूरा करती है। उनकी यह सभ्यता सतही नहीं है, वह सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी है -- उसने उस देशको न केवल समाजके राजनीतिक जीवनके गठनकी पद्धतियाँ दी हैं बल्कि सामाजिक और कौटुम्बिक जीवनकी अत्यन्त विविध और समृद्ध संस्थाएँ भी दी हैं। ये सारी संस्थाएँ कुल मिलाकर कितनी हितकारी हैं, यह बात हिन्दू जातिके चरित्रपर उनके प्रभावको देखकर जानी जा सकती है। इस देशकी जनताके चरित्रमें उसकी सभ्यताका यह हितकारी प्रभाव जितना स्पष्ट है उतना किसी अन्य देशकी जनतामें शायद ही मिले। वे व्यापारमें चतुर हैं, विचार और विवेचनकी गहराइयोंमें जानेवाली तीक्ष्ण बुद्धि रखते हैं, मितव्ययी, धर्म-परायण, संयमशील, उदार, माता-पिताकी आज्ञा माननेवाले, वृद्धोंको आदर देनेवाले, कानूनका पालन करनेवाले, व्यवहारमें मीठे, असहायोंके प्रति दयालु और आपत्ति आ पड़नेपर उसे धीरजसे सहन करनेवाले हैं।

(सन् १८८३ में लिखित)
 
विक्टर कज़िन ( १७९२ - १८६७ )
(दर्शन के क्षेत्रमें एक-धारा विशेषका प्रवर्तक)

दूसरी ओर जब हम पूर्वके और खासकर भारतके काव्य या दार्शनिक चिन्तनके आन्दोलनोंका, जिनका प्रभाव अब यूरोपमें भी फैलता दिखाई दे रहा है, ध्यानसे अध्ययन करते हैं तो हमें वहाँ इतने अधिक और इतने गहरे सत्योंका साक्षात्कार होता है कि हम पूर्वकी प्रतिभाके सामने घुटने टेकनेके लिए विवश हो जाते हैं और यह माने बिना नहीं रह सकते कि मनुष्य-जातिके पालने-जैसी यह भूमि उच्चतम दार्शनिक चिन्तनकी जन्मभूमि है। यूरोपकी प्रतिभा जिन परिणामों तक पहुँचकर रुक गई है उनकी क्षुद्रता और पूर्वकी प्रतिभा द्वारा प्रकाशित इन सत्योंके महदन्तरको देखकर सचमुच आश्चर्य होता है ।



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