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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

(३) [जो] संघर्षमें पहले अनुच्छेदमें कहे अनुसार भाग न ले सकें, वे पैसे से मदद करें। सब लड़ाइयाँ ऐसे ही चलाई जाती हैं। सभी लोग तो रणमें नहीं जाते । जो रणमें जाते हैं, उनको दूसरे प्रोत्साहित करते हैं। वे उनके पीछे सार-सँभाल करते हैं और अपना पैसा देते हैं ।

(४) सभी लोग जनरल स्मट्सको बता दें कि जो माँगा है उसको लिये बिना भारतीय चैनसे न बैठेंगे ।

यह तो ट्रान्सवालके भारतीयोंका कर्तव्य हुआ । समस्त दक्षिण आफ्रिका के भारतीयोंको जान लेना चाहिए कि संघर्ष है तो वे भी हैं । उसीमें उनका भला है। दूसरे राज्योंमें [ भारतीय-विरोधी ] कानून बनाना मुश्किल हो गया है, क्योंकि ट्रान्सवालमें लड़ाई चल रही है ।

ऊपर लिखे अनुसार नहीं होगा तो भारतीयोंकी बदनामी होगी। यह प्रत्येक भारतीयको याद रखना चाहिए । संघर्षमें अन्ततः तो जीतना ही है, यह ऐसी बात है जिसे बालक भी समझ सकता है। सरकार कानून रद करनेकी बात कहती है। वह छः भारतीयोंको प्रवेश देना भी स्वीकार करती है । किन्तु वह कहती है कि कानूनमें उनको [ गोरोंके साथ ] प्रवेशका समान अधिकार नहीं दिया जा सकता । इस अड़चनके आनेका कारण भी जनरल स्मट्सने बताया है । वह यह है कि भारतीयोंमें लड़नेवाले लोग थोड़े ही हैं। बाकी तो ऊब गये हैं। यदि ऊब ही गये हैं तो स्पष्ट है कि कुछ भी नहीं मिलेगा ।

शिष्टमण्डका का खर्च

शिष्टमण्डलका खर्च लगभग ५०० पौंड आया है । इसमें से २१० पौंड तो आने- जानेका खर्च है, शेष २९० पौंड इंग्लैंडमें खर्च हुए। हमने अपने वक्तव्यकी' २,००० प्रतियाँ छपवाईं। इनकी छपाईका बिल अभी नहीं चुकाया गया है । उसमें लगे कागजका और दूसरा खर्च, जो करना ही है, बाकी है। इसका हिसाब बादमें आयेगा । उक्त हिसाबका विवरण भी 'इंडियन ओपिनियन में प्रकाशित कर दिया जायेगा । उपर्युक्त कार्य [ हस्ताक्षर आदि एकत्र करना ] को देखते हुए श्री रिचके पास फिलहाल तो टाइपिस्ट रहेगा ही । कुमारी मॉड पोलकने यह काम हाथमें लिया है। उनकी नौकरी पक्की थी; उसे छोड़नेका नोटिस उन्होंने हमारी रवानगीके वक्त दिया था । इस सम्बन्धमें [ हस्ताक्षर करवानेके सम्बन्धमें ] जो रकम अंतमें आई थी, उसमें से बची रकमको बैंकमें जमा कर दिया गया है ।

१. १६-७-१९०९ का ; देखिए खण्ड ९, पृष्ठ २८७-३०० ।

२. २५-१२-१९०९ का; देखिए परिशिष्ट- १ ।

३. लुई वाल्टर रिच; गांधीजीके साथ शिक्षार्थी वकील, बादमें दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समिति, लन्दनके मन्त्री । देखिए खण्ड ४, पृष्ठ ३९७ ।

४. हेनरी पोल्ककी बहन ।


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