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पत्र: ए० एच० वेस्टको

मेरा सुझाव है कि आप यह सब श्री कैलेनबैककी सलाहसे करें । ऐसी सम्भावना हैं कि मैं जेल जानेसे पहले उनसे मिलूं। उस दशामें मैं उनसे इन बातोंके बारेमें पूरी तरहसे बात करूंगा।

छगनलालके सम्बन्धमें बात यों है कि डॉ० मेहताने मेरे लड़कोंमें से एकको भेजनेकी इच्छा प्रकट की थी। उस समय मैंने उन्हें सुझाव दिया था कि वे मुझपर रोक न लगायें । वे मेरे चुने हुए एक और व्यक्तिको भी भेजनेको तैयार थे । मेरा मन दो व्यक्तियोंको भेजनेका उनका यह प्रस्ताव माननेका नहीं था। इसलिए मैंने उनसे कहा कि वे मुझे अपने लड़कोंकी जगहपर छगनलाल या मगनलालको लन्दन भेजने दें । यह ऐसी छात्रवृत्ति तो थी नहीं जिसके लिए प्रतिस्पर्धा हो । मुझे लगा कि मैं यह निर्णय कर सकता हूँ कि मेरे लड़कोंके स्थानपर किसे लन्दन जाना चाहिए। परन्तु जिसका मैं चुनाव करूँ, उसको मुक्त कर देनेके लिए मुझे आपकी अनुमति लेनी चाहिए । जिस निर्णयपर मैं पहुँचा हूँ, उसके कारणोंकी चर्चा मैं नहीं कर सका हूँ। परन्तु जब हम मिलेंगे, मैं निश्चय ही इसकी बात करूंगा। ये कारण इतने बारीक और विस्तृत हैं कि मैं उन्हें पूरी तरह लिख नहीं सकता और फिर ऐसी दशामें जब कि मेरे पास एक मिनट भी फाजिल नहीं है ।

स्कूलकी छात्रवृत्ति अबतक भी दी जा रही है। भारतसे भी कई छात्रवृत्तियोंके वचन मिले हैं। परन्तु अभी हम अनिश्चयकी स्थितिमें हैं; मैं न उन्हें स्वीकार करनेका निर्णय कर सका हूँ और न ये छात्रवृत्तियाँ अस्वीकृत ही की गई हैं। भारतकी छात्रवृत्तियोंका प्रस्ताव पोलकके द्वारा आया है। मैंने उनसे इन छात्रवृत्तियोंकी माँग करनेके लिए उस समय कहा था, जब इस मामलेपर डॉ० मेहतासे मेरी बात हुई थी।

मैं चाहता हूँ कि सब लोग इसका ध्यान रखें और मणिलालको न छेड़ा जाये । पिताके नाते मुझे लगा कि अभी उसका इंग्लैंड न जाना उसके हितमें है। आगेकी बात पूर्णतया इसपर निर्भर करती है कि छगनलाल क्या कर सकते हैं। मेरा खयाल है कि सब लोग समझते हैं कि इन दोनोंकी शर्तें कड़ी हैं, गरीबी स्वीकार करना और हम चाहे जहाँ रहें, फीनिक्सके कार्यको, जारी रखना ये ऐसे कार्य हैं जो छोड़े नहीं जा सकते ।

श्री कॉडिसने मुझसे एक प्रश्न किया है कि जो आयोजक' लम्बे समय तक के लिए बीमार पड़ जायें, उनका खर्च उठानेके लिए क्या किया जाना चाहिए। मेरा उत्तर यह है कि हम एक परिवार जैसे हैं और उनका पालन-पोषण तो हमें करना ही होगा, तथा अपनी गरीबीका खयाल रखते हुए यथा-शक्ति चिकित्सा आदिकी सहायता भी करनी होगी। मैं इस बातके लिए पूरी तरह तैयार हूँ कि ऐसे मामलोंके लिए मेरी गारंटी रहे। मैं यह भी कह दूं कि जो आयोजक नहीं हैं उनके बारेमें भी एक उचित सीमाके अन्दर यही शर्तें लागू होनी चाहिए। मेरी रायमें ऐसे ही मामलों में हम अपने आदर्शोंको सर्वोत्तम रूपमें प्राप्त कर सकते हैं। हम निरन्तर त्यागका जीवन

१. फीनिक्सकी बस्तीकी योजनाके संस्थापक सदस्य; देखिए "पत्र : ए० एच० वेस्टको”, पृष्ठ १११-१३।

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