पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/१२५

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११. केपटाउनसे प्रतिनिधियोंका सन्देश'
[ नवम्बर ३०, १९०९]
 

हमारी प्रार्थना है कि आप अपने स्तम्भों द्वारा हमारे ट्रान्सवालवासी देशभाइयों को सूचित कर दें कि शिष्टमण्डलके कार्यके वास्तविक परिणामसे प्रकट होता है कि हमारा संघर्ष एक राष्ट्रीय संघर्ष है। हमारी लड़ाईका मुद्दा बहुत साफ हो गया है वह प्रवासियोंके बारेमें कानूनी समानताकी माँग । हमें आशा है कि सत्याग्रही दृढ़ रहेंगे और समस्त दक्षिण आफ्रिकाके हमारे देशभाई हमारा समर्थन करेंगे।

हमें माननीय प्रो० गोखलेका एक तार मिला है, जिसमें उन्होंने बताया है कि ट्रान्सवालके संघर्षकी सहायताके लिए बम्बईके रतनजी जमशेदजी टाटाने २५,००० रुपये दिये हैं। इस उदारतापूर्ण सहायताका अर्थ है कि हमारी मातृभूमि पूर्णतया जागरूक है। आवश्यकता यह है कि सत्याग्रही दिखला दें कि वे एक ऐसे आदर्शके लिए मरनेको तैयार हैं जो धर्ममय, सात्विक और राष्ट्रीय है।

[ अंग्रेजीसे ]

इंडियन ओपिनियन, ४-१२-१९०९

१२. भेंट : 'केप आर्गस ' को
[ केपटाउन
 
नवम्बर ३०, १९०९]
 

डा० अब्दुलरहमानने आज प्रातःकाल श्री गांधी और [श्री] हबीबका, जो गत जूनमें दक्षिण आफ्रिकासे भारतीय सत्याग्रहियोंकी ओरसे शिष्टमण्डलके रूपमें इंग्लैंडके लिए रवाना हुए थे, परिचय कराया। वे आज सुबह पहुँचे हैं और वेरोनिगिंगमें रोके न गये, तो ट्रान्सवालकी अपनी यात्रा जारी रखेंगे ।

श्री गांधी... युवक दीखते हैं, परन्तु उनकी अवस्था ४० वर्षसे ऊपर है । उनका एक पुत्र सत्याग्रहीके रूपमें चार बार जेल हो आया है। श्री गांधी भी इसी कारण जेल जा चुके हैं। ...

१. इंडियन ओपिनियन में यह तार श्री मो० क० गांधी और श्री हाजी हबीबकी ओरसे, जो मंगलवारको केपटाउन पहुँचे थे, प्रकाशित हुआ था ।

२. यह इंडियन ओपिनियन, ११-१२-१९०९ में उद्धृत हुआ था ।

३. आफ्रिकी राजनीतिक संघ (आफ्रिकन पोलिटिकल ऑर्गेनाइजेशन) के सभापति और केपटाउन नगरपालिकाके सदस्य ।

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