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भेट: केप आर्गेस' को

और लड़ाई जारी रखनेके लिए सत्याग्रहियोंको प्रोत्साहित करनेवाले पत्रपर हस्ताक्षर किये हैं।

हम विरोध करनेकी भावनासे इंग्लैंड नहीं गये थे, बल्कि वहाँ जो इतनी संख्या में उपनिवेशी राजनीतिज्ञ जमा हुए थे, उनकी उपस्थितिसे लाभ उठानेके उद्देश्यसे गये थे। मैं यह निश्चित मानता हूँ कि जब दक्षिण आफ्रिकाके लोग हमारे संघर्ष के आदर्श स्वरूपको समझेंगे तब, यद्यपि स्वयं उनका आदर्श भारतसे भारतीयोंको बहुत संख्या में लाये जानेको प्रोत्साहन देना नहीं है, वे हमें वह गम्भीर यातना न देना चाहेंगे, जो इस समय दी जा रही हैं। मेरा खयाल है कि राहत पानेके लिए हमने जो रास्ता अपनाया है, उसका दक्षिण आफ्रिकाके राजनीतिज्ञोंको स्वागत करना चाहिए; क्योंकि हम दूसरोंको कष्ट नहीं पहुँचाते । यद्यपि हमारी इंग्लैंडकी यात्राका परिणाम नगण्य था, तथापि मुझे सन्तोष है कि अंग्रेज अब संघर्षके वास्तविक स्वरूपको समझ गये हैं और उनके मनपर ऐसा असर हो गया है कि हम कर्तव्यकी भावनासे प्रेरित हैं।

जहाँतक भारतमें इसके प्रभावका सम्बन्ध है, भारतके समस्त प्रमुख नगरोंमें सभाएँ हुई हैं, जिनमें सभी विभिन्न वर्गोंके लोगोंने सत्याग्रहियोंका एकमतसे समर्थन किया है। और मुझे ज्ञात हुआ है कि लॉर्ड मॉर्लेकी परिषदसे अवकाश प्राप्त करने- वाले एक भारतीयने कहा है कि ट्रान्सवालमें भारतीयों के साथ किये जानेवाले व्यवहारके प्रश्नने भारतको जितना आन्दोलित किया है, उतना और किसी प्रश्नने नहीं।"

प्रश्न: क्या शिक्षा सम्बन्धी परीक्षा स्वीकार की जायेगी ?

[ श्री गांधी : ] हाँ, प्रवासी अधिकारीको इस बारेमें निर्णय देनेका अधिकार होगा कि कैसी परीक्षा काममें लाई जाये और भारतीयोंके बारेमें कठिन परीक्षा निर्धारित करनेकी और जो उस परीक्षामें खरे न उतरें उनको अस्वीकार कर देनेकी उसे छूट होगी। ऐसा आस्ट्रेलिया और अन्य उपनिवेशों में किया जा रहा है। मुझे इसमें कोई कठिनाई नहीं मालूम होती । भय इस बात का है कि शैक्षणिक परीक्षासे आन्दोलन जारी रहेगा। परन्तु मैं इस भयको बेबुनियाद समझता हूँ ।

अन्तमें श्री गांधीने अपना यह विश्वास प्रकट किया कि जनरल स्मट्स उनके मामलेको सहानुभूतिके साथ सुनेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]

केप आर्गस, ३०-११-१९०९


१. देखिए खण्ड ९, पृष्ठ ५२५-२६ ।

२. यह अनुच्छेद इंडियन ओपिनियनमें उद्धृत नहीं किया गया था ।

३. यह वाक्य इंडियन ओपिनियनमें उद्धृत नहीं किया गया था ।

४. सैयद हुसेन बेलग्रामी ।

५. यह अनुच्छेद इंडियन ओपिनियनमें उद्धृत नहीं किया गया था ।


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