अन्तमें, अपने साथी श्री हाजी हबीब और अपनी ओरसे मैं सरकारको उसकी इस कृपा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उसने हमें बिना रोक-टोक सीमाको पार करने दिया ।
[ अंग्रेजीसे ]
स्टार, ४-१२-१९०९
श्री गांधीने कहा कि श्रीमती वॉगल और कुमारी इलेसिनने ट्रान्सवालकी भार- तीय महिलाओंके बीच जो श्रेष्ठ कार्य किया है उसके लिए समाज उनका कृतज्ञ है। मुझे मालूम हुआ है कि यहाँ उपस्थित सभी महिलाएँ सत्याग्रही हैं और वे अपने पतियों, भाइयों या पुत्रोंको वर्तमान राष्ट्रीय संघर्षके सिलसिले में जेल भेज चुकी हैं। उन्होंने बड़ा वीरतापूर्ण कार्य किया है और उनके कार्यने मातृभूमिमें लोगोंका ध्यान आकृष्ट किया । इसके पश्चात् वक्ताने शिष्टमण्डलकी इंग्लैंड-यात्राके परिणामपर प्रकाश डाला और आशा प्रकट की कि चाहे जो कठिनाइयाँ सामने आयें, श्रोतागण अपना कार्य जारी रखेंगे और बाधाओंसे अथवा संघर्ष लम्बा खिंचनेसे डरेंगे नहीं।
१. श्रीमती वॉगलकी अध्यक्षतामें यह सभा १७५, मार्केट स्ट्रीट, जोहानिसबर्ग में हुई थी । 'भारतीय महिलाओंके' बीच कार्यका आरम्भ श्रीमती पोलकने किया था और श्रीमती वोंगल तथा कुमारी श्लेसिनने उसे जारी रखा । महिलाओंकी सभाएँ नियमित रूपसे होती रहीं। गांधीजीके भाषणके अन्त में महिला- ओंने उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस संघष में अपने कर्तव्यते तिलभर भी नहीं हटेंगी ।
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