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पत्र: ट्रान्सवाल-गवर्नरके निजी सचिवको

६. ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीयोंकी यह सभा श्रीमान् रतन जमशेदजी टाटाके प्रति इस बात के लिए अपनी कृतज्ञता प्रकट करती है कि उन्होंने इस संघर्षकी सहायताके लिए आवश्यकताके समय उदारतापूर्वक २५,००० रुपयोंका दान दिया है ।

७. ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीयोंकी यह सभा अध्यक्षको अधिकार देती है कि वे इन प्रस्तावोंको यथास्थान प्रेषित कर दें ।

[ अंग्रेजीसे ]

इंडियन ओपिनियन, ११-१२-१९०९

२१. पत्र : ट्रान्सवाल-गवर्नरके निजी सचिवको '
जोहानिसबर्ग
 
दिसम्बर ६, १९०९
 

निजी सचिव

परमश्रेष्ठ गवर्नर, ट्रान्सवाल

जोहानिसबर्ग

महोदय,

कल ब्रिटिश भारतीयोंकी एक विशाल सभा हुई। उसमें समाजके विभिन्न वर्गोंके लगभग १,५०० प्रतिनिधि सम्मिलित थे । सभामें सर्वसम्मतिसे पास हुए प्रस्ताव मैं इस पत्रके साथ भेज रहा हूँ । सभाकी इच्छा है कि मैं परमश्रेष्ठसे प्रार्थना करूँ कि वे इन प्रस्तावोंको परममाननीय उपनिवेश-मन्त्री और परममाननीय भारत-मन्त्रीकी सेवामें भेजनेकी कृपा करें ।

आपका, आदि,
 
(ह०) ए० एम० काछलिया
 
अध्यक्ष
 
ब्रिटिश भारतीय संघ
 

(सहपत्र * )

उपनिवेश कार्यालयके रिकार्डोसे प्राप्त, टाइप की हुई मूल अंग्रेजी प्रति (सी० ओ० २९१/१३९) की फोटो-नकलसे ।

१. अनुमानतः इसका मसविदा गांधीजीने तैयार किया था ।

२. देखिए प्रस्ताव नं० ७ (पिछला शीर्षक), जो नत्थी नहीं किया गया था ।

३. इन्होंने उस विशाल सभाका सभापतित्व भी किया था ।

४. इस पत्रके साथ (पिछले शीर्षक ) के प्रथम छः प्रस्ताव संलग्न थे ।


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