पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/१५८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३९. कलेक्टरका खून

पिछले हफ्ते समाचारपत्रोंमें एक तार प्रकाशित हुआ था कि जैक्सन' नामके एक कलेक्टरका नासिकके पास खून हो गया है। कुछ भारतीय सोचते हैं कि इस तरहकी हत्याओंसे अंग्रेज आतंकित किये जा सकते हैं। यह बड़ी गम्भीर बात है। खून करनेवालेके मनमें तो इस बातका विश्वास है ही कि उसके इस कामसे देशको लाभ होगा; किन्तु यह बात समझमें नहीं आती कि खून करनेसे लाभ कैसे हो सकता है। जिन-जिन देशों में इस तरहके खून हुए हैं, वहाँ इससे लाभके बदले नुकसान ही हुआ है। अमेरिकाके राष्ट्रपति मेकिनलीको एक व्यक्तिने मार डाला । आशा यह की गई थी कि इससे अमेरिकामें जो भ्रष्टाचार फैला हुआ है वह खत्म हो जायेगा । परिणाम ऐसा नहीं हुआ । इसी तरह कुछ वर्ष पहले फ्रांसके राष्ट्रपति कारनोका खून किया गया था। उससे फ्रांसमें कोई सुधार नहीं हुआ। हाँ, इन दोनों ही देशोंमें पुलिसका अत्याचार और खर्च जरूर बढ़ गया ।

जबतक लोग किसी विशिष्ट अत्याचारका विरोध नहीं करते, तबतक अत्याचार दूर नहीं होता । कभी-कभी लगता है कि जुल्म कम हुआ, किन्तु उससे दूसरी खराबियाँ पैदा हो जाती हैं । 'अ' ने 'ब पर जुल्म किया। 'ब' स्वयं उसका विरोध नहीं करता, बल्कि 'क ' 'ब' की मुक्तिके लिए कोशिश करता है । तो इससे 'ब' की गुलामी नहीं गई । 'अ' के बदले उसपर 'क' का वर्चस्व हो जाता है। यदि क भला आदमी हुआ, तो वह बहुत हुआ लोहेकी बेड़ीके बदले सोनेकी बेड़ी पहना देगा । किन्तु, आखिरकार बेड़ी अर्थात् गुलामी तो बनी ही रही । करना तो यह चाहिए कि 'ब' को उसकी गुलामीका भान कराया जाये और स्वतन्त्र होना सिखाया जाये । यह शिक्षा दूसरे आदमीका खून करके नहीं दी जा सकती।


हम अपने पाठकोंसे जोर देकर प्रार्थना करते हैं कि इस विषयपर वे पूरा ध्यान दें। हम जानते हैं कि फिलहाल खूनको पसन्द करनेकी हवा भारतीय जनतामें चल रही है। हमारा खयाल है कि यह हवा बहुत दिनों तक नहीं चलेगी। यह

१. ए० एम० टी० जैक्सन, आई० सी० एस०; जिला मजिस्ट्रेट, नासिककी औरंगाबादके एक तरुणने २१-१२-१९०९ को गोली मारकर हत्या की थी ।

२. विलियम मेफिनली (१८४३-१९०१); १८९६ में अमेरिकाके २५ वें राष्ट्रपति हुए; फिर १९०० में चुने गये; ६-९-१९०१ को लियोन जॉलजॉज नामक पोलने उनपर गोली चलाई और १४-९-१९०१ को उनकी मृत्यु हो गई ।

३. मेरी फ्रांकोइस सादी कारनो, (१८३७-१८९४); १८८७ में फ्रांसके तीसरे गणतन्त्रके चौथे राष्ट्रपति । उनके कार्यकाल की मुख्य घटनाएँ हैं १८८९ का बोलॉन आन्दोलन और १८९२ का पनामा लोकापवाद । २४-६-१८९४ को केसरिओ नामक एक इटालियन क्रान्तिकारीने लॉयन्समें उनपर घातक हमला किया और उनकी तत्काल मृत्यु हो गई ।

Gandhi Heritage Portal