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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जिस फेरीवालेके पास पहलेसे परवाना नहीं होगा उसे माँगते ही परवाना नहीं मिलेगा। जिसको नया परवाना लेना हो उसे शान्ति-रक्षक न्यायाधीश (जस्टिस ऑफ पीस) का प्रमाणपत्र पेश करना होगा ।

व्यापारिक परवानोंके उम्मीदवार अपने कुल-नामके आरम्भिक अक्षरके क्रमसे परवाने लें। जिनका कुल-नाम ए, बी, सी और डी से शुरू होता हो वे तारीख १२ से १५ तक परवाने लें; ई से एल तकके १७ से २० तक; एम से आर तकके २१ से २५ तक और एस से जेड तक के २६ से ३० तक परवाने ले लें। भारतीयोंको शनिवारको छोड़कर प्रतिदिन २ बजेसे ३-३० बजे तक परवाने दिये जायेंगे ।

जिन्हें माल-दफ्तर (रेवेन्यू आफिस) से परवाने लेने हैं उनके सम्बन्धमें ये सारी बातें लागू होती हैं।

नगरपालिकामें जो फेरी करते हों उनके लिए दरें अलग हैं और उन्हें जोहा- निसबर्ग में १५ जनवरी तक परवाने ले लेने हैं ।

अब क्या किया जाय ?

इसका अर्थ यह हुआ कि जो भारतीय पूरे सत्याग्रही नहीं हैं उन्हें या किसी अन्य भारतीयको भी १५ जनवरी तक परवाना कार्यालयमें जानेकी जरूरत नहीं है । जो दूकानदार हैं उन्हें ३० जनवरी तक परवाने लेनेकी आवश्यकता नहीं है।

यदि बहुत-से भारतीय पस्त हो गये हैं तो वे फिर उठ खड़े हो सकते हैं। दूकानदार फिलहाल परवाने न लें; और अन्तमें लें, इसमें उनकी शोभा है । इसके अलावा, यह जरूरी है कि प्रत्येक दूकानदार अपनी दूकानमें से कमसे-कम एक आदमीको फेरीपर भेजा करे। जो इस कामके लिए निकले वह उसे ठीक ढंगसे करे । प्रत्येक फेरीवालेको १६ तारीखसे गिरफ्तार होनेका प्रयत्न करना चाहिए और एक बार तो जेलें भर ही देनी चाहिए। यह कोई असाधारण बात नहीं कही जायेगी। अगर सब लोग जेल न जायें तो प्रत्येक टोली या भोजनघरके सदस्योंमें से कुछ लोग जायें। दूसरे क्या कर रहे हैं, यह कोई न सोचे । परन्तु जिससे जितना बन पड़े उतना करे। जेलसे निकलने पर परवाना लेनेका विचार हो तो ले ले। अगर पूरा जोर लगाकर परवाना ले ही नहीं तो और भी अच्छा है। लोग यदि इतना भी करेंगे तो उससे जातिका भला होगा और खुद भी कुछ सीखेंगे ।

फेरीवालोंको समझानेका उत्तरदायित्व श्री गारदी, श्री मूसा मियाँ और श्री अहमद मियाँने अपने ऊपर लिया है और वे अपनी-अपनी दुकानोंसे कमसे-कम एक- एक आदमी देंगे। श्री हाजी हबीब खुद धरना देकर या किसी दूसरी तरह गिरफ्तार हो जायेंगे और अपनी दूकानसे एक आदमी देंगे। मैं आशा करता हूँ कि इन सज्जनोंका अनुकरण अन्य भारतीय भी करेंगे ।

मुझे लगता है कि श्री जोज़ेफ रायप्पन, श्री सेम्युअल जोजेफ और श्री डेविड एन्डू भी, अगर गिरफ्तार न हुए तो, फेरी लगायेंगे । गैरशहरी क्षेत्रोंके भारतीय भी इस सम्बन्धमें बहुत ही अच्छा काम कर सकते हैं ।


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