पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/१८२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

६२. पाश्चात्य सभ्यताके दोष

हमें अंग्रेजी राज्यसे नहीं बल्कि पाश्चात्य सभ्यतासे बचना है, यह हमने 'हिन्द स्वराज्य " में देखा । यह तो प्रत्यक्ष है कि यदि अंग्रेज भारतमें भारतीय बनकर बसें तो वे परदेशी नहीं कहे जायेंगे। यदि वे ऐसा न कर सकें तो उनका भारतमें रहना असम्भव हो जाये, ऐसी स्थिति उत्पन्न करना हमारा कर्तव्य है।

पाश्चात्य सभ्यता कितनी क्रूरतापूर्ण है, यह हम अनेक बार अंग्रेजोंके ही लेखोंसे देखते हैं। कुछ दिन पहले जब स्पेनके राज्याधिकारियोंने फेररको मार दिया था, तब इंग्लैंडमें चीख-पुकार मची थी कि स्पेनने बड़ा अन्याय किया है। यह सब ढोंग है, यह बतानेके लिए विख्यात लेखक श्री जे० के० चेस्टरटनने २२ अक्तूबरके 'डेली न्यूज़' में एक पत्र लिखा। उसका सारांश आज भी यहाँ देने योग्य है। श्री चेस्टरटन कहते हैं:

स्पेनकी घटनापर हम लोग बड़ा शोर मचाते हैं, किन्तु यह केवल ढोंग है। हम अपने घमण्डके कारण ऐसी बात कहते हैं। वास्तवमें हम लोग स्पेनियोंके समान ही बुरे हैं, बल्कि कुछ अंशोंमें उनसे भी बुरे हैं। हम इंग्लैंडमें राजनीतिक मामलोंमें किसीको तोपसे नहीं उड़ाते, क्योंकि हमारे यहाँ राजनीतिक मामलोंको लेकर उपद्रव नहीं होते हैं। यह बात नहीं है कि धार्मिक होनेसे हम खून-खराबी नहीं करते। जब-जब हमारे देशमें उपद्रव होते हैं तब-तब हमारे यहाँ फाँसीकी सजाएँ दी जाती हैं। और हम जो सजाएँ देते हैं वे फेररको दी गई सजाके मुकाबले ज्यादा नीचताभरी, ज्यादा क्रूरतापूर्ण और अधिक बर्बर होती हैं। मैंन्चेस्टरमें फीनियन दलके लोगोंको जो फाँसी दी गई थी वह न्याय विरुद्ध और नीति-विरुद्ध थी, यह सभी वकील कहते हैं। दक्षिण आफ्रिकामें जहाजी कप्तान (स्कीपर) • तोपसे उड़ाये गये इसके लिए अब साम्राज्यवादी अंग्रेज भी लज्जित होते हैं। देनशवाईके कुछ गरीब और निरपराध किसानोंने अपने मालकी लूटका विरोध किया। उनपर अत्यन्त भयंकर अत्याचार किये गये और उनको फाँसीपर चढ़ा दिया गया । जब हमारे शासक दूरस्थ देशोंमें छोटे-छोटे विद्रोह होनेपर ऐसे नीच और क्रूर हो जाते हैं, तब यदि कोई स्पेनकी तरह लन्दनमें ही उपद्रव करे तो वे कितना अत्याचार करेंगे ? हम शान्त है, इसका कारण यह नहीं है कि हम धर्मका ढोंग नहीं करते, बल्कि यह है कि हमारे मुँह शासकोंके

१. देखिए “हिन्द स्वराज्य ", पृष्ठ ६-६९ । २. देखिए खण्ड ९, पृष्ठ ४९७ । फेररने स्पेनके लोगों शिक्षाके प्रसारके लिए कार्य किया था । ३. यहाँ दिया गया अनुवाद मूलसे मिला लिया गया है । ४. स्वतन्त्रताके लिए लड़नेवाले आयरिश लोगोंका प्रसिद्ध दल । ५. यह मिस्रमें है, जहाँ चार मिस्त्री किसानोंको एक ब्रिटिश अधिकारीकी हत्याके जुर्ममें मृत्युदण्ड दिया गया था।