पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/२०९

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८८. इमाम साहब

डीपक्लूफ जेलसे सबसे ताजा रिहाई इमाम साहब अब्दुल कादिर बावजीर और श्री कुनकेकी[१] हुई है। दोनों ही संघर्षके स्तम्भ हैं। दोनों अनेक बार जेल गये हैं । यद्यपि इमाम साहब संघर्षके लिए शक्तिके स्तम्भ हैं, तथापि वे अपना स्वास्थ्य खोकर लौटे हैं। वे हमीदिया इस्लामिया अंजुमनके सम्मानित सभापति और धर्मगुरु हैं। खास तौरपर [दक्षिण आफ्रिकाके ] मुसलमान और आम तौरपर सारा भारतीय समाज उनके दुःखोंसे दुखी होता है । हम श्री बावजीरको, उनकी महान सेवाओंके लिए, बधाई देते हैं। साथ ही हम परमात्मासे प्रार्थना करते हैं कि वह उन्हें और उनके साथी सत्याग्रहियों को बल दे ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १९-२-१९१०

८९. पारसी रुस्तमजी

श्री रुस्तमजी, इमाम अब्दुल कादिर बावजीर और मुहम्मद इब्राहीम कुनके छूट गये हैं।

हम पहले श्री शाहकी सेवाका श्री रुस्तमजीकी सेवाके साथ मिलान कर चुके हैं।[२] ये दोनों सत्याग्रही लगातार एक वर्ष जेलमें रहे। रुस्तमजीको कुल मिलाकर १४ महीने १९ दिनकी सजा हुई थी जिसमें उन्होंने एक साल लगातार जेलमें काटा। हमने उनके उस पत्रकी[३] ओर भी ध्यान आकर्षित किया था जिसमें उन्होंने इस अवधि में होनेवाले कष्टों का वर्णन किया है । इतना दुःख भोगनेपर भी श्री रुस्तमजीने जो हिम्मत कायम रखी, हम उसके लिए उनको तथा समाजको बधाई देते हैं ।

चूँकि रुस्तमजी दोबारा निर्वासित नहीं किये गये और वे जोहानिसबर्ग में ही छोड़ दिये गये, इसलिए उन्हें डर्बन जानेका अवसर प्राप्त हुआ । इसका उन्होंने सत्याग्रहियोंकी सलाह और सम्मतिसे लाभ उठाया । यह कदम सही है । हम आशा करते हैं कि श्री रुस्तमजी अपने कामको सँभाल लेंगे और अपनी तबीयत भी सुधारेंगे। हम चाहते हैं कि ये दोनों चीजें सुधर जायें और श्री रुस्तमजी फिर जेलमें जाकर विराजमान हों ।

श्री रुस्तमजीने जेल में पूरा एक वर्ष बिताया, सो इसलिए कि उन्हें वैसा अवसर मिल गया । इमाम साहब और श्री कुनकेने भी मिलनेवाले अवसरसे पूरा लाभ उठाया

  1. मुहम्मद इब्राहीम कुनके; देखिए अगला शीर्षक।
  2. देखिए " श्री नानालाल शाहकी सेवाएँ, पृष्ठ १५०।
  3. देखिए परिशिष्ट २।