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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हम उनके लिए माल नहीं मँगा सकते । यदि यह सब सम्भव हो तो भी वह लाभ विचारणीय नहीं है । यह तो कोई भी भारतीय नहीं कह सकता कि भारतीय गिर- मिटिये सुखी हैं। एक भी स्वतन्त्र भारतीय उनकी-जैसी स्थितिमें रहकर नौकरी करनेके लिए तैयार नहीं होगा। उनपर जो अत्याचार होता है, वह कैदियोंके साथ भी नहीं होता। उन्हें जितना काम करना पड़ता है कैदियोंको भी उतना नहीं करना पड़ता । गुलामी भोगनेके बाद वे जब छूटते हैं तब भी बरसों तक उनमें गुलामीकी बू बनी रहती है । एक भी भारतीय ऐसी दशामें रहे, यह कामना की ही नहीं जा सकती । यदि गिरमिटिया भारतीयोंका आना बन्द हो जाये तो इस समय दक्षिण आफ्रिकामें जो भारतीय हैं उनकी दशामें तुरन्त सुधार हो सकता है। हम इस समय जिस स्थिति में हैं उसका कारण [गोरोंके मनमें ] गिरमिटिया भारतीयोंका भय है । जब चीनी गिरमिटिये ट्रान्सवालमें आये तब केपके चीनियोंपर सख्ती होने लगी और सख्त कानून बनाये गये । गिरमिटिया भारतीयोंके दक्षिण आफ्रिकामें होनेसे गोरोंको यह भय बना रहता है कि भारतीय समाज बहुत बढ़ जायेगा। इसे दूर करनेका एक ही रास्ता है। इस तरह प्रत्येक दृष्टिसे गिरमिटिया भारतीयोंका आना बन्द होना चाहिए । {{left[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १२-३-१९१०}}

{११३. भारतीय व्यापार-मण्डल

इस संस्थाने जो काम अभी हालमें अपने जिम्मे लिया है वह बहुत सराहनीय है । 'नेसल्स' दूध, 'नीडल पॉइंट' सिगरेट और 'लॉयन' मार्का दियासलाईका व्यापार करनेवाली पेढ़ियाँ भारतीयोंके साथ कतई व्यापार नहीं करतीं। इसलिए भारतीय व्यापारियोंको इन तीनों चीजोंके लिए गोरोंपर आश्रित रहना पड़ता है और उनको मुँहमाँगा मूल्य चुकाना पड़ता है । इतना तो स्पष्ट है कि यदि हममें दम हो तो उक्त तीनों पेढ़ियाँ इस प्रकार भारतीयोंकी उपेक्षा नहीं कर सकतीं। मनुष्यको व्यापारमें भी अपना नाम और मरतबा कायम रखना जरूरी होता है। हम अनेक बार ऐसा करना भूल जाते हैं और जहाँ दो पैसे मिलते हैं वहाँ अपनी मान-प्रतिष्ठाकी परवाह नहीं करते। अब डर्बनका भारतीय व्यापार-मण्डल इस सब स्थितिको बदलना चाहता है। उसने नेसल्स दूधका व्यापार करनेवाली पेढ़ी द्वारा किये गये अपमान और साथ ही आर्थिक क्षतिसे बचनेका विचार किया है। उसका तरीका यह होगा । भारतीयोंकी जरूरत-भरका पूरा दूध अन्य दूध- विक्रेता पेढ़ीसे लिया जाये और उतने दूधको खरीदने के लिए एक कम्पनी खोली जाये जिसकी जिम्मेदारी सीमित हो । यह कम्पनी फुटकर व्यापारियोंको दूध बेचा करेगी । सब फुटकर व्यापारी 'नेसल्स' कम्पनीका दूध न खरीदकर केवल इसी कम्पनीसे दूध लेनेके लिए बाध्य होंगे। Gandhi Heritage Porta