पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/२३३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
जोजेफ रायप्पन फेरीवाले १९३

इस समय इतना उत्साह दीख पड़ रहा है कि कम्पनीके लगभग १,५०० पौंडके हिस्से बिक चुके हैं और फुटकर व्यापारियोंने नेसल्स कम्पनीसे दूध न लेना स्वीकार कर लिया है ।

यह एक बहुत बड़ा कदम है। अगर यह सफल हो गया, तो नेसल्स कम्पनी समझ लेगी कि भारतीयोंका तिरस्कार करनेमें कोई लाभ नहीं है । और भारतीय भी यह जान जायेंगे कि वे अपने बलबूतेपर जूझ सकते हैं । सफलता प्राप्त करनेकी शर्तें नीचे लिखे अनुसार हैं :

१. भारतीयोंमें इस प्रकारका काम करनेका उत्साह और सामर्थ्य होना चाहिए ।
२. मुखिया लोगोंमें कमसे-कम इस व्यापारके सम्बन्धमें ईमानदारी अवश्य होनी चाहिए। उसका कोई भी सदस्य दूसरोंका नफा हड़प जाये और या कम्पनी अपनी पूँजी पर बड़ा मुनाफा लेना चाहे तो काम न चलेगा ।
३. भारतीय व्यापारियोंमें एकता होनी चाहिए ।
४. छोटे व्यापारियोंको उदारतासे काम लेना होगा ।
५. और सब भारतीयोंमें स्वाभिमानकी तीव्र भावना होनी चाहिए ।

यदि इस काममें सफलता मिली तो इसी प्रकारके अन्य काम किये जा सकेंगे। हम भारतीय व्यापार-मण्डल और उसके पदाधिकारियोंको इस कदमके लिए बधाई देते हैं और इसमें सफलताकी कामना करते हैं। परन्तु सफलता तो उसके पदाधिकारियोंके कामपर निर्भर होगी।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन,१२-३-१९१०

११४. जोजेफ रायप्पन फेरीवाले

बैरिस्टर श्री जोज़ेफ रायप्पनका चित्र हम पहले दे चुके हैं; अब फेरीवाले श्री जोजेफ रायप्पनका चित्र दिया जा रहा है। श्री रायप्पन अच्छा काम कर रहे हैं। इसलिए हमें पूरा विश्वास कि इस बारके चित्रको सभी पाठक बहुत पसन्द करेंगे । दुःख और श्रम उठानेवालोंसे भारतका उद्धार होगा। वकील-बैरिस्टर तो उसे बेड़ी ही पहनायेंगे ।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १२-३-१९१०

१०- १३