पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/२३५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१९५
पत्र: एम० पी० फैन्सीको

सरकारके इस कदमसे ट्रान्सवालकी लड़ाईपर कुछ असर होगा या नहीं, यह विचारणीय है। कुछ-न-कुछ असर हुए बिना तो न रहेगा । ट्रान्सवालकी लड़ाई भारतकी जागृति सूचित करती है। ट्रान्सवाल और दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंमें जो उत्साह उत्पन्न हुआ है वह नष्ट होनेवाला नहीं है। सरकार अपनी नासमझीके कारण अत्याचार करेगी ही। श्री गांधीका लड़ाई और स्वराज्य विषयक पुस्तकसे सम्बन्ध, परस्पर सम्बद्ध हुए बिना नहीं रह सकते। इसके सिवा जो लोग ट्रान्सवालकी लड़ाईमें सत्याग्रही हैं वे सभी जगह सत्याग्रही होंगे। इस प्रकार स्वराज्य सम्बन्धी पुस्तक ट्रान्सवालके संघर्षको या तो शक्ति देगी या उसे अशक्त बनायेगी । जो डरपोक होंगे वे डर जायेंगे और कहेंगे कि उनका स्वराज्यसे कोई सम्बन्ध नहीं है; वे बरबाद होना नहीं चाहते। जो हिम्मतवर होंगे, जो पूरे सत्याग्रही होंगे वे और भी अधिक जोरसे लड़ेंगे और जूझेंगे। वे समझेंगे कि ट्रान्सवालकी लड़ाई वास्तवमें भारतके स्वराज्यकी चाबी है। इसमें श्री गांधी और सभी भारतीय कसौटीपर चढ़ेंगे।

सामान्यतः सोचें तो उन लोगोंके लिए, जो ट्रान्सवालमें लड़ रहे हैं, डरनेकी कोई बात नहीं है। अधिकसे-अधिक इसका नतीजा यह निकल सकता है कि ट्रान्सवालकी लड़ाई स्वराज्य-सम्बन्धी पुस्तकसे उत्पन्न स्थितिके कारण लम्बी खिंच जाये। इसके सिवा इसका कोई दूसरा नतीजा नहीं हो सकता; यह सभी भारतीय समझ सकते हैं। खुद श्री गांधी के लिए इसके दूसरे नतीजे भी हो सकते हैं जिन्हें उनको भुगतना ही होगा । देशकी सेवा दूसरी तरह या किसी दूसरी शर्तपर नहीं की जा सकती ।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १९-३-१९१०

११६. पत्र : एम० पी० फैन्सीको

मंगलवार, मार्च १६, १९१०

सेठ श्री एम० पी० फैन्सी,

मौलवी अहमद मुख्तयार साहबने मेरे साथ हुई अपनी भेंटका विवरण प्रकाशित किया है। उसके बारेमें आपने प्रश्न किया है; और यह भी कहा है कि उसपर कुछ भारतीयोंमें चर्चा हो रही है। अतः आपको लगता है कि भेंटका वह विवरण ठीक है या नहीं, यह मुझे स्पष्ट कर देना चाहिए ।

ऐसा करनेका मेरा कोई इरादा नहीं था। भारतीय समाज मुझे जानता है और यदि अबतक न जानता हो तो उसे अब अपना परिचय देना मेरे लिए सम्भव नहीं है। मैंने कोई बात कही होगी या नहीं, यह भारतीय तुरन्त जान सकते हैं। फिर भी मैं आपका अनुरोध स्वीकार करके निम्नलिखित उत्तर भेज रहा हूँ :

१. यह उपलब्ध नहीं है । Gandhi Heritage Heritage Portal