पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/२३९

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११८. पत्र : उपनिवेश-सचिवको

[ जोहानिसबर्ग
मार्च १९, १९१० के पूर्व ]


मेरे संघको सूचित किया गया है कि पिछले सप्ताह जो चार भारतीय प्रिटोरियासे लॉरेंजो माक्विस ले जाये गये थे, उनको, निर्वासित करके भारत भेजनेके पूर्व लॉरेंजो माक्विस जेलमें रखा गया था। उनमें से प्रत्येक जेल अधिकारियोंको पाँच शिलिंग ( देनेपर विवश किया गया था। उनके लिए अधिकारियोंने भोजनकी कोई व्यवस्था नहीं की और पैसा देनेपर भी उन्हें भोजन उपलब्ध नहीं हुआ । मेरा संघ सादर अनुरोध करता है कि आप तत्काल इस मामलेकी जाँच करानेकी कृपा करें ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १९-३-१९१०

११९. पत्र : पुलिस कमिश्नरको

[ जोहानिसबर्ग
मार्च १९, १९१० के पूर्व ]

मेरे संघको सूचित किया गया है कि फोर्टके विचाराधीन भारतीय कैदी मुकदमेकी सुनवाईके लिए जब अदालतमें लाये जाते हैं तब सरकार वहाँ उनके दोपहरके भोजनकी कोई व्यवस्था नहीं करती। इस प्रकार यदि उनके मित्र बाहरसे उनके भोजनका कोई प्रबन्ध न करें तो उन्हें उन दिनों छः बजे शाम तक निराहार रहना पड़ता है। मेरे संघको यह भी सूचना दी गई है कि निर्वासनसे पूर्व जिन्हें प्रिटोरिया ले जाया गया है उनके साथ भी ऐसा ही हुआ है। उन्हें भी यात्रामें दोपहरको भोजन नहीं दिया गया ।

मेरे संघका अनुरोध है कि आप कृपया इस मामलेकी जाँच करें और इन शिकायतोंको दूर करायें।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १९-३-१९१०

१. इस पत्रका मसविदा अनुमानतः गांधीजीने तैयार किया था और यह ब्रिटिश भारतीय संघके कार्यवाहक अध्यक्षके हस्ताक्षरोंसे भेजा गया था ।

२. इस पत्रका मसविदा अनुमानतः गांधीजीने तैयार किया था और यह ब्रिटिश भारतीय संघके अध्यक्ष श्री अ० मु० काछलियाने प्रिटोरिया के पुलिस कमिश्नरको भेजा था । Gandhi Heritage Portal