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निर्वासन और उसका अर्थ
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श्री बर्गरकी गवाहीसे एक बात साफ हो गई है। सरकारने मस्जिदकी जगह पूरी तरह विचार करनेके बाद दी थी। श्री बर्गर शपथपूर्वक नहीं कह सकते कि उनसे जो शिष्टमण्डल मिला था उसे उन्होंने बस्तीको स्थायी माननेका वचन नहीं दिया था। {{left[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २६-३-१९१०}}

१२९. निर्वासन और उसका अर्थ

दक्षिण आफ्रिकाके बहुत-से भारतीयोंमें देशप्रेमकी भावना आ रही है। यदि बिना मेहनतके देशकी कुछ सेवा सम्भव हो तो वे करना भी चाहते हैं। किन्तु स्वार्थके सामने लाचार हो जाते हैं। फिलहाल ट्रान्सवालमें जिस प्रकारसे सत्याग्रह चल रहा है उसपर बहुत थोड़े ही भारतीय पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं। अपने काममें डूबे रहनेके कारण वे यह नहीं जानते कि उनके ही भाइयोंपर क्या अत्याचार हो रहा है और क्यों हो रहा है। और कुछ तो ऐसे भी हैं जो सोचते हैं कि कष्ट-सहन करनेवाले मुख्य रूपसे तमिल हैं इसलिए उनके बारेमें विचार आवश्यक नहीं है । हम ऐसे भारतीयोंका ध्यान नीचे लिखे विचारोंकी ओर आकर्षित करते हैं । जिन्हें ये विचार पसन्द आयें वे अन्य भारतीयोंका ध्यान उनकी ओर आकर्षित करनेकी कृपा करें । इस समय कुछ दिनोंसे भारतीय सत्याग्रहियोंको भारत भेजा जा रहा है। इस तरह अनेक बहादुर तमिल भेजे जा चुके हैं। इनमें कुछ दक्षिण आफ्रिकामें जन्मे हैं। कुछ लोगोंके बालबच्चे ट्रान्सवालमें आश्रयविहीन पड़े हुए हैं। यदि भारतसे मदद न मिली होती तो कहा नहीं जा सकता कि इनका क्या होता । जिन भारतीयोंको निर्वासित किया जाता है उनपर मुकदमा अदालतमें नहीं बल्कि खानगी तौरपर चलाया जाता है। इसके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालयमें अपील नहीं हो सकती। सिर्फ नेटालमें निर्वासित किये जाने तक तो कोई बड़ा नुकसान नहीं है, क्योंकि भारतीय नेटालसे तुरन्त फिर दाखिल हो सकता है और जेल जा सकता है । हमें जिस बातपर विशेष विचार करना है वह है भारत भेजे जानेकी बात । ट्रान्सवालकी सरकारको कानूनन तो उन्हें केवल अपनी सीमाके पार निर्वासित करनेकी सत्ता प्राप्त है। तब फिर वह उन्हें भारत किस तरह भेज सकती है ? ट्रान्सवालकी सरकार अपना यह नीचतापूर्ण उद्देश्य ब्रिटिश उपनिवेशकी मारफत पूरा नहीं कर सकती। उसने पुर्तगाली सरकारके साथ यह तय किया है और उसकी मारफत अपना यह जुल्मी इरादा पूरा करती है। अब इतना तो स्पष्ट है कि ट्रान्सवालकी सरकारको पुर्तगाली सरकारके साथ ऐसा करार करनेका कानूनी हक नहीं है। ऐसी बात बड़ी सरकारकी सम्मतिके बिना कदापि नहीं हो सकती। यदि किसी और राज्यने पुर्तगालकी सरकारके Gandhi Heritage Portal