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जोहानिसबर्गकी चिट्ठी

पूर्ण उत्साहसे निर्वासन स्वीकार कर रहे हैं। उनको नेटाल भेजा जा रहा है। वे वहाँसे तुरन्त लौट आयेंगे ।

अन्य गिरफ्तारियाँ

श्री चिनन दियाला' और सेलमार पिल्ले गिरफ्तार कर लिये गये हैं। उनको निर्वासित करनेकी आज्ञा भी दी गई है ।

करोदिया

दोनों करोदिया बन्धुओंपर जो मुकदमा चलाया जा रहा था वह वापस ले लिया गया है। उनमें से एकपर झूठे प्रवेशपत्रका और दूसरेपर ग़लत हलफिया बयान देनेका आरोप था ।

पुलिसने इस मुकदमेको तैयार करनेमें कोई कसर नहीं रखी थी। डर्बनसे प्रवासी अधिकारी ( इमीग्रे ऑफिसर) और श्री मूसा हाजी आदम आदिको गवाही देनेके लिए बुलाया गया था, फिर भी आखिरी वक्तमें मुकदमा वापस ले लिया गया ।

सच्ची बात यह है कि किसी भारतीयने दोनों भाइयोंके विरुद्ध द्वेषभावके कारण हलफिया बयान दिया था और दूसरोंसे दिलवाया था। ये लोग बादमें पछताये । उनको अपने दिये हुए बयानों को साबित करनेमें बड़ी दिक्कत दिखाई दी, क्योंकि जोहानिसबर्ग में लड़ाईसे पहले श्री करोदियाकी मौजूदगीके बारेमें काफी सबूत दिये जा सकते थे । मेरा खयाल है, इन लोगोंपर कोई संकट न आने देनेके उद्देश्यसे सरकारने गवाहियाँ लिये बिना ही मुकदमेको वापस ले लिया है।

श्री करोदियाका विचार इस मामलेको यहीं छोड़ देनेका नहीं है, बल्कि वे एक मिसाल कायम करने और आगे दूसरे जाने-माने लोगोंको ऐसी घटनाओंसे बचानेके खयालसे महान्यायवादी (अटर्नी जनरल ) से शिकायत करेंगे ।

काले लोग रह सकते हैं या नहीं

जोहानिसबर्गके बहुत से पट्टोंमें यह शर्त है कि जमीनका मालिक उसपर एशियाई या काले लोगोंको, जो नौकर न हों, नहीं रख सकता। ऐसी शर्त नारवुडमें [ भी ] है । वहाँ एक गोरेने बाड़ा लिया था। बादमें उसने देखा कि उसमें कुछ जगहोंपर काले लोग रहते हैं। इसलिए उसने कम्पनीके विरुद्ध मुकदमा दायर किया कि उस बाड़ेमें काले लोग रहते हैं, इसलिए उसका पट्टा रद किया जाये । न्यायाधीशने कम्पनीके विरुद्ध निर्णय दिया। मुकदमा ऊपर गया। अब सर्वोच्च न्यायालयने निर्णय दिया है कि यद्यपि पट्टोंमें यह शर्त है, फिर भी उसके लिए कम्पनी उत्तरदायी नहीं है। जो व्यक्ति किसी काले आदमीको रखता है यदि कोई बाड़ेदार चाहे तो उसके विरुद्ध दावा कर सकता है। इस निर्णयसे काले लोग इस वक्त तो जहाँ रहते थे वहीं रह सकते हैं। अब टिप्पणियाँ ", इंडियन ओपिनियन, १६-४-१९१० । वहाँ यह नाम १. देखिए " ट्रान्सवालकी आनन्दी अलवर दिया गया है । २. मेसर्सं करोदिया बदर्स, जोहानिसबर्गके प्रसिद्ध भारतीय व्यापारी, देखिए "पत्र : महान्यायवादीको ”, पृ४ २३४-३५ ।