पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/३१२

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१८१. श्री वी० ए० चेट्टियार

हमें विश्वास है कि 'तमिल कल्याण समिति' (बेनीफिट सोसाइटी) के अध्यक्ष श्री वी० ए० चेट्टियारका चित्र पाकर हमारे पाठकोंको हर्ष होगा। इस अंकके साथ हम श्री चेट्टियारका एक चित्र पाठकोंकी सेवामें प्रस्तुत कर रहे हैं; यह केवल इसलिए नहीं कि श्री चेट्टियार जैसे वयोवृद्ध सैनिक तीसरी बार जेल गये हैं और उनके निर्वासित पुत्र जहाजसे भारत जा रहे हैं, बल्कि इसलिए कि इस भेंटके द्वारा हम सम्पूर्ण तमिल समाजका अभिनन्दन करना चाहते हैं। उक्त समाजने इस लड़ाई में आश्चर्यजनक काम किया है।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १४-५-१९१०

१८२. श्री सोढाकी रिहाई

श्री आर० एम० सोढा गत शनिवारको छोड़ दिये गये। पिछले हफ्ते जिन वीर लोगोंका हमने उल्लेख किया था, श्री सोढा उनमें से एक हैं।' वे लगभग पूरे एक वर्ष तक लगातार जेल में रहे हैं। इसके अलावा कर्मकांडी हिन्दू होनेके कारण उन्हें दूना कष्ट सहना पड़ा; क्योंकि वर्षमें कुछ महीने वे दिनमें केवल एक ही बार भोजन करते हैं। जेलके बाहर तो एक बारके भोजनसे भी शरीरको लगभग उतना ही पोषण मिल सकता है जितना तीन बारके सामान्य भोजनसे मिलता है । परन्तु जेलमें तो उन्हें एक बारके भोजनमें जो कुछ मिलता था उसीसे सन्तोष करना पड़ता था । परन्तु श्री सोढाने यह सब आनन्दपूर्वक सह लिया । श्री सोढाका निर्वासन नहीं हो रहा है। इसलिए छूटनेपर वे अपनी पत्नी और बच्चोंसे मिलनेके लिए सीधे नेटाल चले गये हैं और वहाँसे डीपक्लूफ जेलमें अपने साथी कैदियोंके पास पहुँचनेके लिए शीघ्र ही लौटना चाहते हैं। श्री सोढा और उनके समान तपे हुए सत्याग्रही जिस धीरजसे बार-बार जेलके कष्ट सह रहे हैं वह उनके लिए और उनके समाजके लिए बड़े गौरवकी बात है ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १४-५-१९१०


१. देखिए " जोहानिसबर्गकी चिट्ठी", पृष्ठ २६८ । Gandhi Heritage Porta