पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/३२९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।



२८७
कैलेनबैकका प्रस्ताव

तो अधिकारियोंका सचमुच वैसा कोई मंशा नहीं होगा । जो भी हो, मेरे संघको भरोसा है कि सरकार इस धमकीको कार्यरूपमें परिणत करके भारतीय समाजकी भावनाओं को ठेस न पहुँचानेकी कृपा करेगी ।

मेरा संघ आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहता है कि श्री शेलतने पिछली बारकी कैदमें इसी कारण अन्तःकरणकी साक्षीपर एक महीने से अधिक समय तक तनहाईकी सजा भोगी थी और डीपक्लूफ जेलके अन्य सत्याग्रही कैदियोंने कहा है कि श्री शेलतको मैलेकी बाल्टियाँ ढोनेके कामसे छुटकारा दे दिया जाये तो उन्हें कोई एतराज नहीं होगा ।"

मेरे संघको भरोसा है कि आप इस मामलेपर समुचित ध्यान देनेकी कृपा करेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ११-६-१९१०

२०६. श्री कैलेनबैकका प्रस्ताव

श्री कैलेनबैकने जो प्रस्ताव किया है उससे सत्याग्रही बिना किसी भारी आर्थिक कष्टके इस युद्धमें अन्ततक लड़ते रह सकते हैं । हम नहीं जानते कि इसपर हम किसे बधाई दें-- श्री कैलेनबैकको, जिन्होंने यह प्रस्ताव करनेकी उदारता दिखाई है, या कौमको, जिसे यह सहायता मिलनेवाली है । निःसन्देह, सत्याग्रहियोंके परिवारोंके लिए श्री कैलेनबैकको धन्यवाद देनेका सबसे उत्तम मार्ग यह होगा कि वे इस प्रस्तावका उपयोग करें और फार्ममें रहकर अपने अनुकरणीय आचरण द्वारा समस्त दक्षिण आफ्रिकाको दिखा दें कि वे इस अच्छे व्यवहारके पात्र हैं।

श्री कैलेनबैकके पत्र में दी गई शर्तें एकतरफा हैं। जितना कुछ देना मुनासिब था, वह सब उन्होंने दे दिया है और बदलेमें कोई अपेक्षा नहीं रखी है । सत्याग्रहियोंको उनके परिश्रमकी मजदूरी चुकाये बिना वे अपनी जमीनका विकास नहीं करना चाहते । श्री कैलेनबैंकने जैसा कार्य किया है वैसे कार्योंसे पूर्व और पश्चिम एक-दूसरेके जितने नजदीक लाये और सच्चे साथी बनाये जा सकते हैं, उतने अलंकार-भरी भाषामें लेख लिखने और भाषण देनेसे नहीं। हम इस प्रयोगको बड़ी दिलचस्पीसे देखेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ११-६-१९१०

१. देखिए " पत्र : जेल निदेशकको ", पृष्ठ- २५९ । २. देखिए “ पत्र : एच० कैलेनबैकको ", पृष्ठ २८०-८१ । ३. तारीख ३०-५-१९१० का; देखिए पृष्ठ २८०-८१ की पाद-टिप्पणी ।