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भर्त्सना

समाप्त होनेसे पहले जनरल बोथा और उनके सह-मन्त्री, जिनका भाग्य अभी अधरमें ही लटक रहा है, कोई निश्चित कदम नहीं उठा सकते। इस बीच सत्याग्रहियोंको यह जानकर और अधिक बल मिलेगा कि लॉर्ड ऍम्टहिल और उनकी समिति उनके हितोंके प्रति जागरूक हैं और साम्राज्यकी राजधानी [ लन्दन ] का लोकमत उनके पीछे है।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ३-९-१९१०

२६१.गिरमिटिया मजदूर

'रैंड डेली मेल' ने एक बहुत ही सुन्दर सुझाव दिया है; वह यह है कि मतदाता प्रत्येक उम्मीदवारसे प्रतिज्ञा करवायें कि वे भारतसे गिरमिटिया मजदूरोंका लाना तुरन्त बन्द करवायेंगे। जबतक यह कलंक बना रहेगा, तबतक ट्रान्सवालसे मुट्ठी-भर भारतीयोंको बाहर निकालनेका यत्न करना गुड़ खाकर गुलगुलोंसे परहेज करने जैसा होगा । गिरमिटिया मजदूरोंका आव्रजन पूर्णतया रोकनेका आग्रह करनेमें 'रैंड डेली मेल' का उद्देश्य चाहे जो हो, उसके निष्कर्षोंसे सहमत होनेमें किसी भी भारतीयको आपत्ति नहीं हो सकती ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ३-९-१९१०

२६२. भर्त्सना

'रैंड डेली मेल' ने अपने एक अग्रलेखमें गिरमिटिया मजदूरोंके लानेकी प्रथाको पूर्णतया बन्द करनेका अनुरोध किया है। इसका जवाब श्री हैगरने एक पत्र द्वारा इस अखबारको भेजा है। श्री हैगर हालमें ही उस आयोगके सदस्य बना दिये गये हैं जो गिरमिटिया मजदूरोंके प्रश्नपर विचार करनेके लिए नियुक्त किया गया है। श्री हैगर लिखते हैं :

एक यह बात आयोग के ध्यानमें बार-बार लाई गई है कि नेटालमें पैदा हुआ भारतीय, मजदूरके रूपमें निकम्मा है । वह फुटबाल खेलेगा, अखबार बेचेगा या दफ्तरमें नीची श्रेणीका काम करेगा; परन्तु जिसमें कुछ करना होता है इस तरहके किसी कामका जिम्मा वह नहीं लेगा । पढ़े-लिखे भारतीयोंने स्वीकार किया है कि नेटालमें पैदा हुए भारतीयोंको प्राथमिक शिक्षा मजदूरीकी

२. दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समिति ।

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