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२७४. भाषण : काठियावाड़ आर्य-मण्डलमें'

डर्बन
सितम्बर २०, १९१०

श्री गांधी उपनिवेशोंमें जन्मे भारतीयोंकी पिछली सभामें जो बातें बतला चुके थे, उन्हीं बातोंपर उन्होंने यहाँ भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डर्बनके सब भारतीयोंका कर्तव्य है कि वे देशसे निर्वासित होनेवालोंका तथा श्री पोलकका हार्दिक अभिनन्दन करें और प्रत्येक मण्डल अपनी ओरसे उन्हें अलग-अलग मानपत्र भेंट करे, प्रीतिभोज दे और उनके स्वागत-समारोहके लिए चन्दा करे।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २४-९-१९१०

२७५. एक उल्लेखनीय घटना

रेवरेंड डॉ० रुबुसानाका केप प्रान्तीय परिषद सदस्यके रूपमें टेम्बूलैंडसे अपने दो प्रतिपक्षियोंके मुकाबलेमें २५ के बहुमतसे चुना जाना एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण घटना है। रंगभेद सम्बन्धी धाराकी दृष्टिसे यह चुनाव संघ-संसदके लिए सचमुच एक चुनौती है। डॉ० रुबुसाना प्रान्तीय परिषदमें तो बैठ सकते हैं, परन्तु संघ-संसदमें नहीं; यह स्पष्ट ही एक ऐसी असंगति है जिसे, अगर दक्षिण आफ्रिकियोंको निकट भविष्यमें सचमुच एक राष्ट्र बनना है तो, दूर किया जाना चाहिए। हम डॉ० रुबुसाना और रंगदार कौमोंको उनकी इस विजयपर बधाई देते हैं। हमारा विश्वास है कि परिषदमें वे ऐसा काम करेंगे जो उनके और जिनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उनके लिए भी गौरवकी बात होगी।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २४-९-१९१०


१. यह सभा पोलक तथा निर्वासित भारतीयोंके स्वागतके सम्बन्ध में विचार करनेके लिए बुलाई गई थी।

२. देखिए पिछला शीर्षक । Gandhi Heritage Portal