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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

चाहिए। इसके लिए बम्बई उचित स्थान नहीं है। परन्तु नारणदासकी डोर पूज्य खुशालभाईके' हाथमें है। जब तुम भाइयोंमें से कोई विनयपूर्वक उनका मोह तोड़ सकेगा तभी नारणदासको परमार्थका अवसर प्राप्त होगा। परन्तु शायद इस जन्ममें न मिले तो भी यदि उसकी इच्छा होगी तो दूसरे जन्ममें उसे ऐसा अवसर सहज ही प्राप्त हो जायेगा ।

चि० छगनलालके बारेमें डॉक्टर [ मेहता] का पत्र आया है, उसे तुम्हारे पढ़नेके लिए इस पत्रके साथ भेज रहा हूँ। पढ़कर फाड़ डालना ।

बा लिखवा रही हैं कि दो छोटे ताले लेकर पानीकी टंकीमें लगा देना। उनका कहना ठीक मालूम होता है। पानीका उपयोग, जिसे उसकी आवश्यकता हो, कर सकता है। परन्तु हर कोई [टंकीका ] नल न खोला करे. - बा यही चाहती हैं। इसके सिवा, वा पुछवा रही हैं कि तुमने सब सामान - चारपाई, इत्यादि. •ठिकानेसे रख दिया है या नहीं। अगर न रखा हो तो रख देना। सोमवारको जो सभा हुआ करती है वह यदि उस घरमें हुआ करे तो इस बहाने वह हर आठवें दिन साफ किया जा सकता है। वीरजीके लिए तो यही ठीक लगता है कि वे बिहारीवाले घरमें रहें । बड़े घरको साफ करनेकी रोजकी परेशानी मोल लेना ठीक नहीं है। कौन-कौन-सी पुस्तकें आई हैं, उनकी तफसील अवकाश मिलनेपर भेजना। बा कहती हैं कि रसोई-घरके दरवाजेके पीछे बोरीमें [कुछ ] चावल अवश्य है। उसकी खोज फिर करना ।

शुक्रवारको बिला नागा बहुत देर हो जाया करती है सो ठीक नहीं है। पुरुषोत्तम. दासका खयाल है कि यह किसीका आलस्य है। तुम सब मिल-जुलकर विशेष उत्साहके साथ समयपर काम पूरा करनेका प्रयत्न किया करो। चूंकि अब लम्बे दिन आये हैं इसलिए शुक्रवारको सबेरे [ छापाखाना ] जल्दी जाने लगो तो भी ठीक होगा ।

तमिलका अभ्यास न छोड़ना । चकोर गड्ढे किस कामके लिए खोद रहा है? जो काम तुम्हें निरर्थक मालूम हो उसमें उसे न लगाना । श्री पोलक कहते हैं कि मुथु वहाँ शुक्रवारको आया था। श्री वेस्टके पास क्षय-रोगके सम्बन्धमें एक लेखांश है; उसे उनसे लेकर मेरे पास भेज देना। यहाँ एक क्षयसे पीड़ित रोगीको पढ़वाना है।

आंगलिया सेठको आज तार' भेजा है। मुझे खबर सेठ रुस्तमजीसे मिली थी। 'ट्रान्सवाल लीडर' में किसीने टॉल्स्टॉय फार्मके सम्बन्धमें कुछ लिखा है, उसे पढ़ जाना। यह लेख आज १९ ता० के अंकमें प्रकाशित हुआ है। इसका लेखक कौन है सो मालूम नहीं हो पाया है।

मोहनदासके आशीर्वाद

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती प्रति (सी० डब्ल्यू० ४९३८) से । सौजन्य : श्रीमती राधाबेन चौधरी ।


१. गांधीजीके चचेरे भाई और श्री नारणदासके पिता ।


२. इंडियन ओपिनियनकी प्रतियोंको डाक द्वारा भेजनेकी व्यवस्थासे मतलब है ।


३. यह तार उनकी पुत्रीकी मृत्यु, जो कि 'स्टोक्से वस्त्र जल जानेके कारण हुई थी, के पश्चात् दिया गया था। तार उपलब्ध नहीं है ।