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तार : मुख्य प्रवासी अधिकारीको

प्रतिज्ञा निभाई और उस प्रकारका भोजन नहीं लिया । फलस्वरूप उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया; किन्तु उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। हम श्री प्रागजीको अपनी टेक रखने के लिए बधाई देते हैं। श्री प्रागजीने यह भी लिखा है कि श्री शेलतको मैलेकी बाल्टी न उठाने के सम्बन्धमें दो बार सजा दी गई थी। इस समय उनको रसोईके काम में रखा गया है।

श्री प्रागजीको, जेलसे रिहा होते ही, अपनी बहनकी मृत्युका समाचार मिला । इससे उन्हें बहुत दुःख हुआ; परन्तु तिसपर भी उन्होंने संघर्षसे अलग न होनेका निश्चय प्रकट किया है। उन्होंने लिखा है, 'जबतक लड़ाईका निपटारा नहीं होता तबतक सत्याग्रही कोई भी अन्य कार्य हाथमें नहीं ले सकता ।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ५-११-१९१०

३०४ बीकानेरके महाराजा

समाचार मिला है कि मैसूरके महाराजाकी भाँति बीकानेरके महाराजाने भी सत्याग्रह - संघर्षकी सहायता की है। यह सहायता हमारे लिए बहुत मूल्यवान है। नीचेसे ऊपर तक सारा भारत यह समझने लगा है कि ट्रान्सवालमें किस प्रकार हमारा अपमान किया जा रहा है । फलस्वरूप सम्भव है, संघर्षका अन्त जल्दी आ पहुँचे । परन्तु इस स्थितिमें दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंका दायित्व बढ़ जाता है । ट्रान्सवालके संघर्षके वास्तविक मूल्यको समझते हुए अधिकाधिक भारतीयोंको जाग उठना चाहिए। इस संघर्ष में प्रतिष्ठा ही नहीं, वरन् यहाँके भारतीयोंका स्वार्थ भी निहित है ।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ५-११-१९१०

३०५. तार : मुख्य प्रवासी-अधिकारीको

[ डर्बन
नवम्बर ६, १९१० से पूर्व ]

•••श्री गांधीने प्रिटोरिया स्थित प्रवासी अधिकारीको तार भेजा था कि उनके साथ श्रीमती सोढा और उनके बच्चे भी आयेंगे

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १२-११-१९१०

१. देखिए " पत्र : अखबारोंको", पृष्ठ ३७८ ।