पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/४५६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।



३४२. पत्र : ऑलिव डोकको

टॉल्स्टॉय फार्म
दिसम्बर १५, १९१०

प्रिय ऑलिव,

रामदासको संगीत न सिखा सकनेके लिए आपको क्षमा माँगनेकी आवश्यकता नहीं है । [ मकानकी ] रंगाई-पुताईके दिनोंमें यह कितना दुश्वार है, यह बात मैं अच्छी तरह समझ सकता हूँ । आपके पिताजी अभी-अभी आये हैं, इसलिए [भी] आपके कार्य- क्रममें कुछ हफ्ते खलल डालनेका मेरे मनमें विचार तक नहीं आ सकता ।

आपने रामदासको प्रति सोमवार [ संगीत ] सिखानेकी बात कही है । अनेक धन्यवाद। परन्तु मेरा खयाल है कि वह अगले सोमवारको तो जोहानिसबर्ग नहीं आ सकेगा और मैं हफ्तेमें केवल तीन दिन जोहानिसबर्ग रहता हूँ, किन्तु उन दिनों दफ्तर से हिलने तक का समय नहीं मिल पाता; इसलिए मैं शायद बड़े दिनसे पहले आपसे मिलने नहीं आ पाऊँगा । कामना है कि ग्राफ रीनेतमें आपका और क्लीमेंट का समय बड़े आनन्दपूर्वक बीते ।

कृपया अपनी माताजी और पिताजीसे मेरा अभिवादन कहें।

स्पष्ट है कि कोम्बर* आपके साथ नहीं जा रहा है। बेचारेको बहुत सूना-सूना लगेगा । आप जब भी उसे पत्र लिखें तो कृपया मेरी ओरसे उसे और विलीको प्यार लिखें ।

आपका सच्चा,
मो० क० गांधी

कुमारी ऑलिव डोक

सदरलैंड एवेन्यू
हॉस्पिटल हिल

जोहानिसबर्ग

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (सी० डब्ल्यू ० ४९२७) से । सौजन्य : सी० एम० डोक । १. रेवरेंड जे० जे० डोक यूरोप और अमेरिकाका लम्बा दौरा करनेके पश्चात् दक्षिण आफ्रिका लौटे थे । देखिए " पत्र : मगनलाल गांधीको ", पृष्ठ ४०२ । २. केप प्रान्तमें पोर्ट एलिज़ाबेथसे १८५ मील दूर २,५०० फीटकी ऊँचाईपर स्थित एक कस्वा । ३, ४ और ५. कुमारी ऑलिवके भाई । Gandhi Heritage Porta