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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
पुराने अपराधी (सत्याग्रही) और वैध रूपसे पंजीयित एक भारतीय हैं। फिर उनको निर्वासनका आदेश क्यों दिया गया ? एक और पुराने अपराधी हैं. थम्बी नायडू । उनको पंजीयित निवासीके रूपमें पुलिस, मजिस्ट्रेट, पंजीयन अधिकारी और सभी सम्बन्धित लोग जानते थे। इतना ही नहीं, वे उन लोगोंमें से थे जिन्होंने स्वेच्छया पंजीयनके दिनों (१९०७) में पंजीयन विभागकी सहायता की थी और उसके लिए पंजीयन अधिकारीने उनको धन्यवाद भी दिया था। चीनी संघके नेता, श्री क्विनने, मजिस्ट्रेटके सामने अपना पंजीयन प्रमाणपत्र तो पेश नहीं किया परन्तु उन्होंने अपने पंजीयित होने का प्रमाण अवश्य पेश किया था। उन्होंने निर्वासनसे बचनेकी बहुत कोशिश की । जनरल स्मट्स और पंजीयन अधिकारी दोनों ही उनको जानते थे; फिर उनको निर्वासित क्यों किया गया था ?
श्री गांधी यह भी कहते हैं :
ट्रान्सवाल सरकारने और भी कई बातें ऐसी कही हैं जिनका खण्डन किया जा सकता है।
[ अंग्रेजीसे ]

कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्सकी टाइप की हुई प्रति (सी० ओ० ५५१/७) की फोटो - नकल से ।

३४९. रम्भाबाई आर० सोढाका मुकदमा

[ जोहानिसबर्ग ]
दिसम्बर ३०, १९१०

श्रीमती रम्भाबाई आर० सोढाके, अर्सेसे स्थगित, मुकदमेकी सुनवाई गत मासकी ३० तारीख, शुक्रवारको, जोहानिसबर्गके 'बी' न्यायालय में श्री डी० जे० शूरमैनकी अदालतमें हुई । उनपर १९०७ के कानून १५ (प्रवासी प्रतिबन्धक अधिनियम) के खण्ड ५ तथा खण्ड २ • उपखण्ड १ – दोनोंके संयुक्त अभिप्रायके • उल्लंघनका आरोप लगाया गया था और कहा गया था कि निषिद्ध प्रवासी होनेपर भी वे ट्रान्सवालमें प्रविष्ट हुई अथवा ट्रान्सवालकी सीमाके अन्दर पाई गई। जोहानिसबर्ग में वैध रूपसे अधिकार प्राप्त एक अफसर द्वारा जब उनसे कहा गया कि वे ट्रान्सवाल उपनिवेशमें प्रविष्ट होनेकी अनुमतिके लिए किसी यूरोपीय भाषाकी लिपिमें प्रार्थनापत्र लिखकर अपना दस्तखत कर दें, तो वे अपनी स्वल्प शिक्षाके कारण ऐसा न कर सकीं । श्री क्रेमरने सम्राट्की ओरसे मुकदमा पेश किया और श्री मो० क० गांधी बचाव-पक्षकी ओरसे खड़े हुए। १. वह नवम्बर ६ को गिरफ्तार की गई थीं; नवम्बर ७ को उनका मुकदमा १४ दिनोंके लिए स्थगित कर दिया गया था; उसके बाद उन्हें जोहानिसबर्ग भेज दिया गया था ।