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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

श्री गांधीने आगे दलील पेश की कि श्रीमती सोढा विवाहिता स्त्री होनेके नाते दक्षिण आफ्रिकाके सामान्य कानूनके अन्तर्गत वैधानिक अपराधकी दोषी नहीं ठहराई जा सकतीं। इस कानूनकी रू से वे अपने पतिके साथ जा सकती हैं। जब उनके पति ट्रान्सवालमें हैं तो उनको भी वहाँ रहनेका हक हासिल है। श्री गांधीने कहा कि इस परिस्थितिमें श्रीमती सोढाको रिहा कर दिया जाना चाहिए।

अदालतने ३ जनवरी तक के लिए फैसला मुल्तवी कर दिया ।'

भारतीय समाजमें इस मुकदमेकी कार्रवाईके प्रति बड़ी उत्सुकता दिखाई दी। अनेक भारतीय महिलाएँ अदालतमें उपस्थित थीं । श्रीमती वॉगल, कुमारी स्लेशिन, रेव० श्री डोक तथा श्री कैलेनबैक भी मौजूद थे । भारतीय महिलाएँ. श्रीमती सोढाके साथ दिन-भर रहीं और उनका पूरा खयाल रखा । श्रीमती सोढाका अपनी गोदमें छोटा-सा बच्चा और साथमें ३ सालका बालक लिए हुए अदालतके अन्दर हाजिर रहना एक करुणाजनक दृश्य था ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन ७-२-१९११

३५०. पत्र: एल० डब्ल्यू रिचको

[ जनवरी १, १९११ या उसके बाद ]

ब्रिटिश भारतीयोंकी रक्षा समितिके' मन्त्री, श्री एल० डब्ल्यू रिच तीन सप्ताह पहले दक्षिण आफ्रिकासे लौटे हैं। लौटने पर, उनको श्री गांधीका एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि जनरल स्मट्ससे बातचीत करनेपर उनको विश्वास हो गया है कि जिस नये विधेयकका वचन दिया गया है, उससे भारतीय सन्तुष्ट हो जायेंगे। विधेयक शायद इसी महीनेके मध्य तक सामने आ जायेगा। स्पष्ट है कि भारतीयोंको उससे तभी सन्तोष होगा जब उसमें पंजीयन कानूनको रद करनेकी ही नहीं, बल्कि प्रवासी कानूनसे जातीय भेदभाव हटानेकी व्यवस्था भी की जाये। दक्षिण आफ्रिकी मन्त्रियोंका मन्शा क्या है - इसका काफी अच्छा आभास जनरल स्मट्सके उस भाषणसे मिल जाता है, जो उन्होंने एक पखवारे पहले केपकी संसदके सामने दिया था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि १. किन्तु फैसला ११ जनवरी १९१० को सुनाया गया था । रम्भाबाई सोढाको १० पौंड जुर्माना और १ माहकी सादी कैदकी सजा दी गई थी । परन्तु उनकी ओरसे अपील दायर की जा चुकी थी, इसलिए २५ तारीखको व्यक्तिगत मुचलकेपर वह छोड़ दी गई थीं । २. पत्र में जनरल स्मट्सके केप संसद में दिये गये भाषणका उल्लेख है । यह भाषण उन्होंने १३ दिसम्बर, १९१० को दिया था। नये विधेयककी "इस मासके मध्य में प्रकाशित होनेकी सम्भावना" थी । पत्रका यह सारांश २०-१-१९११ के इंडियन ओपिनियन में प्रकाशित हुआ था। इन सब तथ्योंको देखते हुए लगता है कि यह जनवरीकी किसी प्रारम्भिक तारीखमें लिखा गया । ३. यहाँ " दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समिति, लन्दन" होना चाहिए था ।