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३६६. नेटालके भारतीयोंका कर्तव्य

जान पड़ता है कि दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंके भविष्यका दारमदार नेटालके भारतीय क्या करते हैं, इसपर है। इस अनुमानके दो कारण हैं: एक तो नेटालमें भारतीय बहुत हैं और उनकी जड़ें मजबूत हैं। दूसरे, नेटाल आकारमें छोटा है, इसलिए वह ट्रान्सवाल तथा ऑरेंज फ्री स्टेटके पीछे खिंच जाता है । इन दोनों जगहोंके लोग तुलनात्मक दृष्टिसे अधिक भारतीय-विरोधी हैं। जो नये रेलवे विनियम विज्ञापित हुए हैं, वे केपमें नहीं, किन्तु नेटालमें अब भी लागू होंगे । ट्रान्सवालमें उनपर अब भी अमल किया जा रहा है, यद्यपि जैसा कि हम देख चुके हैं, कानूनन वे रद हो गये हैं। श्री काछलियाके पत्रका उत्तर मिलने पर अधिक बातें ज्ञात होंगी। पिछले कुछ समयसे ऑरेंज फ्री स्टेटमें ये नियम अमल में लाये जा रहे हैं। इसलिए नेटालका पक्ष नया और मजबूत भी है। यदि हम विरोधमें आवाज उठायें तो ये विनियम वहाँ क्षण-भरको नहीं टिकेंगे। हमारा खयाल है कि उनकी यह विज्ञप्ति हमें टटोलने की दृष्टिसे प्रकाशित की गई है। यदि हमने इनका सख्ती से विरोध नहीं किया तो धीरे-धीरे और भी बुरे विनियम सामने आयेंगे । हमारा खयाल है, अभी चूँकि ये विनियम कानून नहीं बन गये हैं, हम प्रार्थनापत्र पेश करनेके अलावा उन्हें अदालत में भी चुनौती दे सकते हैं। आशा है कि कांग्रेस तत्काल मामलेको अपने हाथ में लेगी।

इन विनियमोंसे हमें विचार करनेकी प्रेरणा मिलनी चाहिए। जैसे-जैसे समय बीतेगा, हमारे प्रति संघ-संसदका रुख नरम होनेके बजाय सख्त होता जायेगा और उसके साथ ही हमारी शक्ति, उत्साह, एकता तथा स्वदेशाभिमान भी बढ़ते जाने चाहिए । यदि इस समय हम उचित परिश्रम करें तो पार लग जायेंगे। ऊपर कही गई बातें नेटालके भारतीयों के लिए मनन करने योग्य हैं ।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २५-२-१९११

१. देखिए पिछला शीर्षक ! २. नेटाल भारतीय कांग्रेस ।