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पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको
कानून छत्तीसके अन्तर्गत पंजीयन कराये बिना ट्रान्सवालमें प्रवेश पा सकेंगे? अधिक ब्योरेवार पत्र कल भेजा था;विधेयकका प्रथमवाचन हो चुका है, अतः तार द्वारा सूचित करनेकी कृपा करें। "

इस सम्बन्धमें उनका जो उत्तर आज मिला, उसकी प्रतिलिपि संलग्न है । यह उत्तर अनेक दृष्टियोंसे सन्तोषजनक है। इससे साफ जाहिर हो जाता है कि लन्दनमें आपके कार्य और भारतमें पोलकके कार्यका क्रमशः साम्राज्य और भारतीय सरकारपर क्या असर हुआ है, और संघ सरकारपर भारत सरकारका कैसा दबाव पड़ा है। परन्तु हमें इस आश्वासनसे सन्तुष्ट नहीं हो जाना चाहिए। हम किसी प्रकारकी कोई गुंजाइश नहीं रहने देना चाहते। इसलिए जिन मुद्दोंका सत्याग्रहियोंपर असर पड़ता है उनके सम्बन्धमें विधेयक में अब भी क्या परिवर्तन होते हैं, इसपर नजर रखना आवश्यक होगा। पोलकका बड़ा आग्रह है कि ग्रेगरोवस्कीके नाम अपने पत्र में मैंने जो मुद्दे उठाये हैं उनके बारेमें आप श्रीनरसे सलाह करें। मैं उनसे पूर्णतया सहमत हूँ, और यह अच्छा ही होगा कि हम सभी तरफके लोगोंकी सम्मतियाँ प्राप्त कर लें। मैं पोलकको लिख रहा हूँ कि वे लॉटनसे भी परामर्श कर लें । आपने देखा ही होगा कि अगले हफ्ते सोमवारसे' विधेयकका द्वितीय वाचन निश्चित किया गया है। इसलिए हमारे सभी मुख्य-मुख्य निवेदनपत्र उससे पहले ही सरकार अथवा संसदके समक्ष पहुँच जाने चाहिए। लगता है कि ट्रान्सवालके प्रश्नपर कोई कठिनाई उपस्थित न होगी, इसलिए यदि आप सहमत हों तो मेरा इरादा यहीं बने रहनेका है। पोलक तो डर्बनमें काम करेंगे ही, आप विधेयकपर विचार समाप्त होने तक वहीं रहें। प्रोफेसर गोखलेने कल निम्नलिखित तार भेजा है : "

नये प्रस्तावोंपर अपने विचार तारसे भेजें। नेटालकी चालको विफल करनेकी यहाँ व्यवस्था कर रहा हूँ । निजी ।

उसका निम्नलिखित उत्तर भेजा गया है :

नेटाल - सम्बन्धी आश्वासनके लिए धन्यवाद । नये विधेयकके बारेमें तार बादको ।

मैं सोचता हूँ कि इस नये विधेयकपर विचारोंके बारेमें तार भेजनेसे पहले हमें अभी थोड़ी प्रतीक्षा कर लेनी चाहिए। वहाँ आपके काममें खर्च तो होगा ही । मुझे

१. देखिए “ तार : जनरल स्मट्सके निजी सचिवको ", पृष्ठ ४५१ । २. देखिए पाद-टिप्पणी १, पृष्ठ ४५७ । ३. यह पत्र २-३-१९११ को लिखा गया था । देखिए पृष्ठ ४४४-४६ । ४. विलियम फिलिप श्रीनर (१८५७-१९१९); राजनीतिज्ञ और वकील । सन् १९१४ में वे इंग्लैंडमें दक्षिण आफ्रिका संघके हाई कमिश्नर रहे ; रोडसके १८९९ के द्वितीय मन्त्रिमण्डलमें शामिल और दो बार अटर्नी जनरल नियुक्त हुए । १८९८ से १९०० तक केप कॉलोनीके प्रधानमन्त्री रहे । ५. डर्बनके एक वकील । ६. मार्च १३, १९११ ७. वस्तुत: यह तार मार्च २, १९११ को प्राप्त हुआ था ।