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पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको

आशा है, इससे तुम्हारा काम बिना कठिनाईके चल सकेगा और तिमाही खर्चे निपटाने में कोई कठिनाई नहीं होगी ।

हृदयसे तुम्हारा

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५२३६) की फोटी - नकलसे ।

३९१. तार : 'इंडियन ओपिनियन' को

जोहानिसबर्ग
मार्च ६, १९११

सेवामें

'ओपिनियन'

फीनिक्स

विधेयकका' अनुवाद वहीं कीजिए । समय नहीं है ।

गांधी

हस्तलिखित दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५२३८) से ।

३९२. पत्रः एल० डब्ल्यू० रिचको

जोहानिसबर्ग
मार्च ६, १९११

प्रिय रिच,

जनरल स्मट्सको आज जो तार भेजा है, उसकी प्रति मैं संलग्न कर रहा हूँ । उत्तर इस समय तक नहीं मिला है। नटेसनने मुझे निम्नलिखित तार भेजा है :

नये कानूनके फायदे और नुकसान तुरन्त तारसे सूचित कीजिए । यहाँके आन्दोलनके भावी स्वरूपके बारेमें भी सलाह दीजिए ।

मैंने तारसे केवल यह उत्तर भेजा दिया है कि विधेयकपर अभी विचार किया जा रहा है और उत्तर उन्हें बादमें भेजा जायेगा ।

इस सप्ताह मैंने मॉडको श्रीमती रिचके लिए २५ पौंड, श्रीमती पोलकके लिए १७ पौंड और समितिके लिए १८ पौंड भेजे हैं । समितिके लिए यह रकम काफी होनी चाहिए। मैंने आज आपको एक तार भेजा है; उसकी प्रति संलग्न है । मैं यह भी

१. इस विधेयकका गुजराती अनुवाद इंडियन ओपिनियन के ११-३-१९११ के अंकमें प्रकाशित हुआ था । २. वास्तव में यह तार जनरल स्मटसको ६ मार्चको नहीं, ४ मार्चको भेजा गया था । देखिए "तार : गृह मन्त्रीके निजी सचिवको", पृष्ठ ४५६ । ३ तथा ४. उपलब्ध नहीं हैं । १०-३०