जान पड़ता है, संघर्ष तो समाप्त होगा ही। किन्तु फिलहाल मेरे फीनिक्समें रहनेकी सम्भावना कम ही दीखती है। संघर्ष समाप्त हो जानेपर टॉल्स्टॉय फार्मपर एक भी आदमीके रहनेकी सम्भावना नहीं है। श्री कैलेनबैकका मकानोंपर ही लगभग ६०० पौंड खर्च हुआ होगा । वह सब उनके सिर पड़ता दीखता है। ऐसा न हो, इसलिए मेरा खयाल है कि फार्मपर रहकर शरीरश्रम करके जितना बने उतना चुका दिया जाये । संघर्ष समाप्त होते ही मैं श्री कैलेनबैंकको छोड़ दूं, यह कैसे हो सकता है ? दूसरी ओर वहाँ [ फीनिक्स ] जाना जरूरी है; लेकिन समझमें भी नहीं आता यह कैसे बन सकेगा। संघर्ष समाप्त हो जानेसे मेरा संघर्ष तो समाप्त नहीं होता । और यही ठीक भी है। श्री कैलेनबैकके फार्मपर किसी कारण से बने रहना पड़ेगा, यह सोचा नहीं था। वैसे मुझे तो इससे भी काफी अनुभव प्राप्त होगा और कौन जाने उसीमें कल्याण भी हो ।
लड़ाई समाप्त होते ही श्री पोलकको तो तुरन्त विलायत भेज देना पड़ेगा। उन्हें वापस आनेमें छः महीने लगेंगे। मैं चाहता हूँ कि वे भारत होते हुए लौटें । श्री पोलकके जानेके पहले छगनलाल आ जाये तो बहुत ठीक हो। मुझे लगता है, वह भी जरूर आ जायेगा ।
मेरी इच्छा है, हरिलाल ठक्करको तुम अपने रास्तेपर ले आओ ।
मणिलालका ध्यान रखना । वह कुछ पढ़ाई-लिखाई कर रहा है अथवा कर सकता है, या नहीं ?
सन्तोककी तबीयत कैसी है ?
मैंने तुम्हें एक खबर नहीं दी थी; अब दे रहा हूँ । बा को जब जोरोंका दर्द उठा तो वह बहुत घबरा गई। मैं काममें लगा था और दुबारा खबर लेने नहीं जा सका, इसलिए वह चिढ़ गई होगी। जब मैं गया तो वह रो पड़ी और कुछ ऐसा दिखाया, मानो अब वह मर जायेगी। मैं थोड़ा चकरा गया, लेकिन तुरन्त ही सँभला और हँस कर कहा, मर जाओगी तो चिन्ता क्या है ? लकड़ियोंकी कमी नहीं है । इसी फार्ममें फूंक दूंगा । इसपर वह भी हँस पड़ी । आधा दर्द तो उसी वक्त चला गया। बादमें मैंने सोचा कि कोई बहुत सख्त इलाज करना पड़ेगा। सिर्फ मिट्टीसे काम नहीं चलेगा। इसलिए मैंने कहा कि सब्जी और नमक एकदम बन्द कर दो और केवल गेहूँ और मेवा लिया करो। अगर गीला भात लेना चाहो तो घी डालकर ले सकती हो। उसने कहा, "यह तो तुमसे भी नहीं बन सकता।" मैंने कहा, " आजसे मैंने नमक, सब्जी वगैरह छोड़ दिया । " फिर तो वह लाचार हो गई । नतीजा यह हुआ कि हम दोनों आज लगभग एक महीनेसे नमक, शाक-सब्जी और दाल नहीं ले रहे हैं। मुझे तो दूसरी किसी खूराककी इच्छा भी नहीं होती । बा का मन हो जाता है। एक बार उससे नहीं रहा गया और उसने थोड़ा ग्वारफलीका शाक ले लिया। वैसे तो यही जान पड़ता है कि उसने बाकीके दिन इसी खुराकपर गुजारे हैं। दर्दमें तो आश्चर्यजनक फर्क पड़ गया। रक्तस्राव होता रहता था, सो तुरन्त बन्द हो गया। मुझे अनायास ही अधिक आत्मसंयमका लाभ मिल रहा है । मेरा तर्क