पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/५३६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।



४९२
सम्पूर्ण गांधी वाङमय

आशा नहीं की जा सकती कि वे कानूनी समानता पानेके लिए माता-पिताओंके अधि- कारोंको, विशेषकर अपनी पत्नियों और बच्चोंको अपने साथ लाने आदिके सहज अधि- कारोंको छोड़ देंगे। मैं नहीं समझता कि यहाँ यह आवश्यक संशोधन करवा सकने में कोई कठिनाई होगी। परन्तु मान लें कि यह कठिनाई पैदा हो जाये और जनरल स्मट्स फिर कहने लगे कि मैं नये मुद्दे उठा रहा हूँ; तो उस परिस्थितिमें क्या करना चाहिए, सो तुम जानती ही हो। यदि कोई नया मुद्दा उठाया जा रहा है तो उसे जनरल स्मट्स ही उठा रहे हैं। अभी तो मैं यह मानता हूँ कि मसविदा तैयार करने- बालोंका इस बातकी ओर ध्यान नहीं गया, और जनरल स्मट्स समिति द्वारा विधेयक- पर विचार होते समय इसे दुरुस्त करवा देंगे । और यही मानकर मैं जनरल स्मट्सको इस बातका भी श्रेय देता हूँ कि उन्होंने कोई विवादग्रस्त प्रश्न नहीं उठाया । अब रही केप और नेटालकी बात । वहाँ स्थितिमें सुधार हो अथवा न हो, यदि विधेयक मेरे सुझावके मुताबिक संशोधित कर दिया गया तो ट्रान्सवालका वर्तमान सत्याग्रह समाप्त कर दिया जायेगा । यहाँ संसद सदस्योंको जो प्रार्थनापत्र' दिया गया है, उसे और अन्य कागजोंको तुम सावधानीसे पढ़ लेना। मैं श्री रिचको लिख रहा हूँ कि वे तुम्हें केप टाउनसे लिखें ताकि मैं तुम्हें जो जानकारी दे रहा हूँ वह अद्यावधि हो जाये ।"

हृदयसे तुम्हारा,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५२८१) की फोटो नकलसे ।

४२४. पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको

[ जोहानिसबर्ग ]
मार्च १३, १९११

प्रिय रिच,

आपका पत्र मिला। मुझे लगता है कि लिखावट हैराल्डकी है। मैं उन्हें बधाई देता हूँ, और आपको भी । वे आपकी शैली अपना रहे हैं। जिस होटलके कागज- पर पत्र लिखा गया है क्या आप उसी होटलमें ठहरे हैं ? आशा है आपको मेरे पत्र प्रतिदिन नियमित रूपसे मिल रहे होंगे। मैं आपसे सर्वथा सहमत हूँ कि हमारा प्रति- निधि कौन हो, इस बातमें हमें स्मट्सका कहना स्वीकार नहीं करना चाहिए। और मुझे हर्ष है कि उन्होंने तार भेजकर यहाँसे भी किसी प्रतिनिधिको न आनेको कहा है।' 'केप आर्गस' में छपा आपका पत्र उतना सख्त तो नहीं है । आशा है, इस

१. देखिए " ट्रान्सवालका प्रार्थनापत्र : संघ-विधानसभाको", पृष्ठ ४८१-८२ । २. देखिए " पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको ", पृष्ठ ५०८-०९ । ३. श्री एल० डब्ल्यू० रिचक्रे सुपुत्र । ४. देखिए "पत्र : गृहमन्त्रीके निजी सचिवको", ४८३-८४ ।