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४४४.पत्र : एल० डब्ल्यू० रिचको

मार्च १८, १९११

प्रिय रिच,

" सभी तरह के संकटकी आशंका " - का क्या अर्थ है ? मैंने इसका अर्थ यह लगाया है कि विधेयकका केवल हम ही नहीं, बल्कि आम तौरपर पूरे समाजकी ओरसे [ संसदके ] सदस्य भी कड़ा विरोध करेंगे। मैं स्वीकार करता हूँ कि यदि यह विधेयक वापस ले लिया जाये और ट्रान्सवालका प्रवासी कानून संशोधित कर दिया जाये तो मुझे खुशी होगी। परन्तु यदि विधेयकपर बहस होती है तो फ्री स्टेटके बारेमें आपको सब प्रकारके प्रश्नोंका उत्तर देना होगा। उदाहरणके लिए, क्या भावी एशियाई प्रवासी नियन्त्रणोंसे मुक्त रहेंगे, क्या वे भू-सम्पत्ति रख सकेंगे इत्यादि । हम ऐसा कुछ नहीं चाहते। हम तो इतना ही कहते हैं कि प्रवासके बारेमें, और चूँकि निवास प्रवासका ही अंग है, इसलिए निवासके बारेमें भी हमारा वही दर्जा होना चाहिए जो यूरोपीयोंका है। जहाँतक नागरिक अधिकारोंका प्रश्न है, हम भी अन्य एशि- याइयोंपर लादी गई निर्योग्यताएँ मान्य कर लेंगे। अपनी बात स्पष्ट करनेके लिए दृष्टान्त देता हूँ । ट्रान्सवालमें प्रवेश करनेवाले शिक्षित भारतीयपर पंजीयन कानून लागू नहीं होगा; परन्तु १८८५ का कानून ३ उसपर फिर भी लागू होगा। अब, ऑरेंज फी स्टेटके विधानका अध्याय ३३ न केवल एशियाइयोंके निवासकी शर्तें निश्चित करता है बल्कि वह उनसे दूसरे सामान्य कानूनी अधिकार भी छीन लेता है। खण्ड ७ और ८ से ऐसे अधिकार प्रभावित होते हैं। इसलिए संशोधनके द्वारा एशियाइयोंको धारा १, २, ३, ४, ५, ६, ९, १० और ११ के प्रयोगसे मुक्त किया जा सकता है। यदि आप इस अध्यायको पढ़ें तो आप मेरा अभिप्राय और अच्छी तरह समझ जायेंगे । हम जनताके सामनें हर तरहसे निष्कलंक दिखना चाहते हैं; और मेरा दावा है कि हम वास्तवमें निष्कलंक हैं। वर्तमान सत्याग्रहका किसी व्यक्ति-विशेषके निजी लाभसे कुछ भी वास्ता नहीं है। यदि हम यह बात स्पष्ट कर दें और इतनेपर भी यदि हमारा प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया जाये तो हम अपने विरोधियोंको हर मानेमें दोषी ठहरायेंगे । ऐसे संकट कालके मौकेपर जनरल स्मट्स, जिनके बारेमें कार्टराइटकी राय है कि या तो वे पूर्ण रूपसे विश्वासघाती हैं या अत्यन्त मूर्ख हैं, आपसे मिलनेसे इनकार करके इन दोनोंमें से कोई एक गुण प्रकट कर रहे हैं । ढंगकी एक ही मुलाकातसे सारे प्रश्न तय किये जा सकते हैं, और फ्री स्टेटवालोंको भी यह दिखाकर शान्त किया

१. यहाँ आशय रिच्के १८ मार्चवाळे तारसे है जिसमें कहा गया था: “समिति में देरसे विचार होगा । बजरको प्राथमिकता, सूचित कीजिए आपके तारका स्मट्सने क्या उत्तर दिया । मुझे सभी ओरसे संकटकी आशंका है।" (एस० एन० ५३२० ) ।