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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

लिए उनका अत्यधिक महत्त्व है। इसलिए मुझे आशा है कि जनरल स्मट्स इनपर कृपापूर्वक विचार करेंगे और राहत बख्शेंगे ।

आपका विश्वस्त,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५३२७) की फोटो नकल और २५-३-१९११ के 'इंडियन ओपिनियन' से ।

४५१. पत्र: मॉड पोलकको

मार्च २०, १९११

प्रिय मॉड,

मुझे लगता है कि अन्ततः विधेयकके बावजूद कोई समझौता नहीं होगा । इतना अवश्य है कि इस वार सामाज्य सरकारको जनरल स्मट्स क्या हैं और क्या हो सकते हैं, इस बातका बहुत ही साफ सबूत मिल जायेगा। साम्राज्य सरकारके नाम अपने पत्रमें उन्होंने कहा कि शिक्षित प्रवासी, यदि वे एशियाई होंगे, तो संघके किसी भी भागमें बसनेको स्वतन्त्र होंगे । तथापि उनके हालके पत्रसे आप देखेंगे कि मामला ऐसा है नहीं । संलग्न कागजोंसे आपको ज्ञात हो जायेगा कि ऑरेंज फी स्टेट और ट्रान्सवालके बारेमें हमारी माँग, मेरे खयालसे, वस्तुतः क्या है ? श्री रिच बुधवारको केप टाउनसे लिखेंगे कि आपको क्या करना है।

हृदयसे आपका,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५३२८) की फोटो नकलसे ।

१. देखिए परिशिष्ट १० । २. देखिए पिछला शीर्षक ।