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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कृपया सोराबजी और अन्य लोगोंको, जो आश्रममें हों, मुलाकातका यह विवरण पढ़वाइयेगा। अधिकतर मैंने इसे उन्हींके लिए लिखा है। उसके बाद यह श्री पोलकके पास भेजा जा सकता है । भेंटका यह विवरण प्रकाशनके लिए नहीं है । परन्तु इसे नष्ट भी नहीं करना है।

मुझे आशा है, पत्र-व्यवहार' प्रकाशित करनेके लिए आपको हॉस्केनकी अनुमति मिल गई होगी ।

कृपया सोराबजीसे आश्रमके लोगोंके लिए रोज लिखनेको कहिए ।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५३७६) की फोटो - नकलसे ।

४७५. तार : जोहानिसबर्ग कार्यालयको

केप टाउन
मार्च २८, १९११

पोलकको अलेक्ज़ेंडर और मन्त्रीके संशोधन प्रकाशनार्थ भेजिए मन्त्रीके संशोधन असन्तोषजनक । उनके बारेमें कार्यवाही कर रहा

गांधी

अंग्रेजी तार (एस० एन०५३७०) की फोटो - नकलसे ।

प्रिय श्री लेन,

४७६. पत्र : ई० एफ० सी० लेनको

७, ब्यूटेनसिगिल स्ट्रीट

केप टाउन
मार्च २९, १९११

प्रिय श्री लेन,

मेरी राय में प्रवासी विधेयकमें जनरल स्मट्स द्वारा पेश किये जानेवाले संशोधनोंके अनुसार अधिवास, विवाह और पैतृक सम्बन्धके बारेमें प्रमाण देकर प्रवासी अघि- कारीको विश्वास दिलाना आवश्यक होगा। जनरल स्मट्सके विचारार्थ मैं यह निवेदन प्रस्तुत करना चाहता हूँ कि इसे आवश्यक कर देनेसे पक्षपात, भ्रष्टाचार और घूसको २. देखिए परिशिष्ट १२ । २, यह इंडियन ओपिनियनके १-४-१९११ के अंकमें प्रकाशित हुआ था ।