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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

(२) कोई भी प्रवासी अधिकारी इस अधिनियमको या विनियमोंको अधिक कारगर ढंगले अमलमें लानेके लिए, जब भी आवश्यक समझे, किसी भी ऐसे जहाजसे, जिसमें प्रवासी अधिकारी लोगोंकी जाँच कर रहा हो या जिसमें कोई निषिद्ध प्रवासी हो या होनेका सन्देह हो, संचार सम्पर्क निषिद्ध कर सकता है, या उसके साथ संचार सम्पर्कका या उससे किनारेपर उतरनेका नियन्त्रण कर सकता है और प्रवासी अधिकारी ऐसे निषेध या नियन्त्रणको अमल में लानेके लिए ऐसे कदम उठा सकता है जिन्हें मन्त्री मंजूर करे ।

(३) कोई प्रवासी अधिकारी किसी जहाजके मास्टरको किनारे या वाटसे इतनी दूर या ऐसी स्थिति में लंगर डालने का आदेश दे सकता है जिसे प्रवासी अधिकारी अधिनियम या विनियमोंकी व्यवस्थाको कारगर ढंगसे अमल में ला सकनेके लिए उपयुक्त समझे ।

जहाजों के कप्तानोंके कर्तव्य

१२. किसी बन्दरगाहमें प्रवेश करनेवाले हर जहाजके मास्टरका यह कर्तव्य है कि वह प्रवासी अधिकारीको माँगनेपर निम्न चीजें दे :

(क) जहाजमें जितने यात्री हों उन सबकी सूची जिसमें उनके गन्तव्य स्थान, प्रत्येक यात्रीका दर्जा और विनियममें बताया गया विवरण दिया गया हो;
(ख) विना किराया दिये चोरीसे यात्रा करनेवाले लोगोंकी, यदि ऐसे कोई लोग मिले हों तो, सूची;
(ग) जहाजके कर्मचारियोंकी और जहाजमें मालिकों द्वारा या मालिकोंकी ओरसे किसी भी हैसियत में नियुक्त या सवार ( यात्रियों या बिना किराये चोरीसे यात्रा करनेवाले लोगोंके अलावा) लोगोंकी सूची;
(घ) जहाजके चिकित्सा अधिकारीके (यदि कोई हो तो) हस्ताक्षरसे या यदि कोई चिकित्सा- अधिकारी न हो तो उसके स्वयंके हस्ताक्षरसे एक प्रमाणपत्र, जिसमें मार्गमें बीमार हुए, छूत या दूसरे रोगों के ज्ञात रोगी बताये गये हों, शारीरिक या मानसिक दुर्बलता, या अन्य पीड़ासे पीड़ित उन लोगों के नाम दिये गये हों, जो उनसे पीड़ित हुए हों या अभी पीड़ित हों और हर रोगीकी बीमारी, दुर्बलता या पीड़ाका स्वरूप

नजरबन्दीकी जगह

१३. (१) यदि किसी प्रवासी अधिकारीको (मास्टरके कहनेसे या अन्यथा ) ऐसा लगे कि इस अधिनियमके उद्देश्यों और प्रयोजनोंको अधिक अच्छी तरह पूरा करनेके लिए उतरनेसे रोके गये किसी व्यक्तिको उसे लानेवाले जहाजके अलावा किसी दूसरी जगह रखना चाहिए तो प्रवासी अधिकारी उसे जहाजसे हटवाकर हिरासत में भिजवा सकता है और किसी दूसरी ऐसी जगह किसी दूसरे जहाजमें या किनारेपर नजरबन्द करा सकता है जिसे मन्त्री निषिद्ध प्रवासियोंकी नजरबन्दीके लिए निश्चित करे ।

(२) ऐसा प्रत्येक व्यक्ति नजरबन्दीके दौरान, चाहे वह पूर्वोक्त जहाजमें हो या दूसरी जगह, मास्टरकी हिरासत में समझा जायेगा, प्रवासी अधिकारीकी हिरासत में नहीं; और मास्टरको इसके अलावा ऐसे व्यक्तिके उतरने, हटाये जाने, नजरबन्द रखने, खिलाने-पिलाने और नजरबन्दी के दौरान नियन्त्रण में रखनेका खर्च भी देना होगा।

(३) जहाजकी रवानगीके वक्त (मास्टर जिसकी पूर्व सूचना उचित समयपर प्रवासी अधिकारीको देगा ) इस खण्ड अन्तर्गत जहाजसे हटाया गया कोई भी निषिद्ध प्रवासी, यदि प्रवासी अधिकारी आवश्यक समझे तो, फिर उसी जहाजपर चढ़ा दिया जायेगा ।

(४) प्रवासी-अधिकारी, उक्त व्यक्तिके उतारे जानेसे पहले, मास्टर या जहाजके मालिकसे इतना रुपया जमा करा सकता है जितना विभागको उसको उतारने, उसके स्थान परिवर्तन, नजरबन्दी, निर्वाह और नियन्त्रण- पर खर्च करना पड़ सकता है।