पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 10.pdf/६०७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।



५६३
परिशिष्ट

अपराधी माना जायेगा और अपराध सिद्ध होनेपर उसे जुर्माना देना पड़ेगा जो सौ पौंडसे अधिक नहीं होगा; या जुर्माना न देनेपर सख्त या सादी कैद भुगतनी होगी जो छः महीनेसे अधिक न होगी; या ऐसी कैद भुगतनी होगी जिसके जुर्मानेका विकल्प न होगा |

अपराध, अनैतिक या अन्य

(२१) कोई व्यक्ति जो

(क) इस अधिनियम लागू होनेसे पहले या बाद इसके दूसरे परिशिष्ट में गिनाई गई व्यवस्था- ओंमें से किसीको या उनमें से किसीके संशोधनको भंग करनेपर दण्डित हो चुका है;
(ख) संघ या उसके किसी भागसे, जो अब संघमें शामिल है, सरकारके पूरे या अधूरे खर्च देनेपर, संघसे निकाले जा चुकनेपर या किसी भी कानूनके अन्तर्गत संघसे या उसके किसी भागसे, जो अब संघमें शामिल है, निकाले जानेकी आज्ञाके लागू होनेपर, बिना कानूनी अधिकारके उसमें वापस आ जाता है या ऐसी आज्ञाकी शर्तोंका पालन नहीं कर सका है;
(ग) प्रवासी अधिकारी द्वारा संघमें या किसी प्रान्त में प्रवेशकी अनुमति देनेसे इनकार किये जानेपर संघ या उस प्रान्त में प्रविष्ट हुआ है;
(घ) प्रवासी अधिकारीके सामने लिखित रूप में यह स्वीकार कर लेता है कि वह संघमें या उस प्रान्त में निषिद्ध प्रवासी है;

यदि नज़रबन्द न हो तो बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है और संघसे या प्रान्त से ( जैसा भी हो) मन्त्रीके वारंट निर्वासित किया जा सकता है और जबतक निर्वासित न किया जाये तबतक विनियममें निर्धारित ढंगसे हिरासत में रखा जा सकता है ।

निर्वासन

(२२) कोई व्यक्ति ( जो जन्म अथवा निवासके कारण ब्रिटेन या सम्राट के राज्यके किसी अन्य भागका नागरिक न हो ) जो इस अधिनियम बताये गये किसी अपराधके लिए सजा अपराधसे सम्बन्धित स्थितियोंके कारण मन्त्री द्वारा संघका अवांछनीय निवासी समझा जाता है, सजाके दिनों में या उसकी समाप्तिपर मन्त्रीके वारंटसे संघसे निकाला जा सकता है और निर्वासित किये जाने तक विनियममें निर्धारित ढंगसे हिरासत में रखा जा सकता है । इस खण्ड में उपखण्ड (४) और (५) या खण्ड (६) की व्यवस्था उचित परिवर्तनों के साथ शामिल समझी जायेगी।

सबूतकी जिम्मेदारी

(२३) (१) इस उल्लंघनके कारण या उसके सम्बन्धमें चलाये गये मुकदमें में इस बातका सबूत देनेकी जिम्मेदारी, कि कोई व्यक्ति संघमें या किसी प्रान्तमें इस अधिनियम या उसके किसी विनियमका उल्लंघन करके प्रविष्ट नहीं हुआ है या वहाँ नहीं रहा है, अभियुक्तपर होगी ।

(२) कोई आज्ञा, वारंट या अन्य ज्ञापन, जो मन्त्री द्वारा अधिनियम या विनियमके अन्तर्गत जारी किया जाये, तभी पर्याप्त और प्रभावकारी होगा जब उसपर गजटमें नोटिस निकालकर ऐसी आशा, वारंट या अन्य ज्ञापनपर हस्ताक्षर करनेका मन्त्री द्वारा प्रदत्त अधिकार पाये हुए किसी सरकारी अधिकारीने हस्ताक्षर किये हों । इस प्रकार हस्ताक्षरित होनेके बाद उक्त कागजात सब अदालतों में और दूसरे उद्देश्यों के लिए इस बातके सबूत होंगे कि वे इस अधिनियम या विनियमों के अनुसार जारी किये गये थे ।