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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

जनवरी ५ : बॉक्सबर्ग में आयोजित एक सभामें उपस्थित भारतीयोंने गांधीजीको अपने प्रमाणपत्र नष्ट करनेके लिए सौंप दिये ।

जनवरी ६ : रेवरेंड फिलिप्स और जे० सी० गिब्सनने ट्रान्सवालमें ब्रिटेनके हाई कमिश्नर लॉर्ड सेल्बोर्नसे बात करनेके बाद गांधीजीसे भेंट की ।

गांधीजीने गिब्सनको एक पत्र लिखकर इस बातका खण्डन किया कि दक्षिण आफ्रिकाका आन्दोलन भारतसे प्रेरित और नियंत्रित है, और ब्रिटिश भारतीय अपनी माँग निरन्तर बदलते रहते हैं ।

जनवरी ७ : जोज़ेफ रायप्पन और अन्य लोगोंके सम्मानमें जोहानिसबर्ग में आयोजित एक भोजमें गांधीजी बोले ।

जनवरी १३ : श्री गोखलेने गांधीजीको एक पत्र लिखकर सूचित किया कि जितना धन चन्देके रूपमें उन्हें भेजा गया है, उसका उपयोग वे जिस प्रकार उचित समझें करें।

जनवरी २० : नेटाल विधानसभाने भारतीय प्रवासी (अनुमतिपत्र) अधिनियम संशोधन विधेयक पास कर दिया ।

जनवरी २७ : नेटाल विधान परिषदने भारतीय प्रवासी (अनुमतिपत्र) अधिनियम संशोधन विधेयक पास कर दिया ।

फरवरी १ : जोज़ेफ रायप्पन, डेविड एन्ड्र और सॅम्युएल जोजेफपर फोक्सरस्टमें मुकदमा चलाया गया और उन्हें तीन-तीन महीनेकी कड़ी कैद की सजा दी गई ।

फरवरी ९ : गांधीजीके कार्यालयमें श्रीमती अमाकानू और श्रीमती पाकिरसामीने अपने जेवर उतार डाले और प्रण किया कि जबतक संघर्ष समाप्त नहीं होगा, वे जेवर नहीं पहनेंगी ।

फरवरी १४ : गांधीजी जोहानिसबर्ग स्थित कैंटोनीज़ क्लवमें रेवरेंड जे० जे० डोककी अमरीका-यात्राके अवसरपर चीनियों द्वारा आयोजित एक विदाई समारोहमें बोले ।

फरवरी १८ : मैसॉनिक हॉलमें रेवरेंड डोकके सम्मानमें आयोजित एक भोज में भाषण । ब्रिटिश भारतीय संघके अध्यक्षने मध्य दक्षिण आफ्रिकी रेलवेके महाप्रबन्धकको रेलवे विनियमोंका एक मसविदा भेजा और सुझाव दिया कि इन्हें एशियाइयोंपर लागू होनेवाले चालू विनियमोंके स्थानपर लागू किया जाये ।

फरवरी २० : गांधीजी डर्बनमें नेटाल भारतीय कांग्रेसकी एक सभामें बोले । फरवरी २३ : डर्बनमें काठियावाड़ आर्य-मण्डलकी एक सभामें ट्रान्सवालके संघर्षको विस्तारसे समझाया ।

फरवरी २५ : ब्रिटिश भारतीय संघने लॉर्ड क्रू को तार देकर ट्रान्सवालकी जेलों में रायप्पन और रुस्तमजीके साथ होनेवाले व्यवहार और कैदियोंकी खुराकके बारेमें शिकायत की। कलकत्तामें भारतीय विधान परिषदने नेटाल भेजने के लिए गिरमिटिया मजदूरोंकी भर्ती बन्द करनेसे सम्बन्धित श्री गोखलेका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया ।

फरवरी २६ : डॉक्टर अब्दुर्रहमान और केपके रंगदार लोगोंने अपना मताधिकार छीने जानेके विरोधमें इंग्लैंडके युवराजके आगमनका दिन शोक-दिवसके रूपमें मनानेका