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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

निश्चय किया था । इसका समर्थन करते हुए गांधीजीने 'इंडियन ओपिनियन' में लेख लिखा ।

सत्याग्रहियोंके सम्मानमें डर्बन भारतीय समाज द्वारा आयोजित समारोह में भाषण किया ।

मार्च ११ : प्रवासी कानूनोंका उल्लंघन करनेके लिए गांधीजीने अनेक सत्याग्रहियोंके साथ ट्रान्सवालमें प्रवेश किया। मौलवी अहमद मुख्त्यारको एक पत्र लिखकर बताया कि फीनिक्सके सिलसिले में जो कर्ज चढ़ा है वह संघर्षके दौरान चढ़ा है।

मार्च १७ : 'स्टार' के संवाददाताको बताया कि भारतीय अपने निजी अधिकारोंकी माँग करने नहीं, संघर्षमें भाग लेनेके लिए जोहानिसबर्ग आये हैं। नेटाल भारतीय कांग्रेसके अध्यक्ष और मन्त्रियोंने भारतीय प्रवासी कानून संशोधन विधेयकके विरुद्ध एक प्रार्थनापत्र उपनिवेश-सचिवको भेजा ।

मार्च २३ : वाइसरॉयकी परिषदमें रॉबर्टसनने एक विधेयक पेश किया जिसका उद्देश्य १९०८ के भारतीय प्रवासी अधिनियमको संशोधित करके श्री गोखलेके २५ फरवरीवाले प्रस्तावको कार्यान्वित करना था ।

मार्च २४ : बम्बईके सरकारी 'गज़ट' में विज्ञप्ति निकली कि 'हिंद स्वराज्य', 'सर्वोदय' ( रस्किनके 'अन्टु दिस लास्ट' का गुजराती अनुवाद); 'मुस्तफा कामेल पाशाका भाषण' (काहिरामें अपनी मृत्युसे पहले दिये गये एक मित्री देशभक्तके भाषणका गुजराती अनुवाद); और 'एक सत्यवीरकी आत्मकथा', इन पुस्तकोंको देशद्रोहकी भावना फैलानेवाली सामग्री होनेके कारण जब्त कर लिया गया है। ये सारी पुस्तकें इन्टरनेशनल प्रिंटिंग प्रेससे प्रकाशित हुई थीं ।

अप्रैल ४ : गांधीजीने लियो टॉल्स्टॉयको एक पत्रके साथ अपनी पुस्तक 'हिन्द स्वराज्य ' की एक प्रति उनकी सम्मतिके लिए भेजी ।

अप्रैल ८-९ : ब्रिटिश भारतीय संघके अध्यक्षके पत्रका उत्तर देते हुए ट्रान्सवालके जेल- निदेशक ने इस शिकायतको गलत बताया कि सत्याग्रही कैदियोंको डीपक्लूफ जेलमें पक्के किस्मके अपराधी बन्दियोंके साथ रखनेकी दृष्टिसे भेजा जाता है। उसने सत्याग्रहियों को दी जानेवाली खुराकमें परिवर्तन करने या उनकी बदली दूसरी जेलमें करनेसे इनकार कर दिया ।

अप्रैल १२ : कामन्स सभामें भारतसे नेटाल भेजे जानेवाले गिरमिटिया मजदूरोंका प्रश्न श्री ओ'ग्रेडी और श्री रीजने उठाया ।

अप्रैल १४ : ५९ भारतीयोंको उमलोटी नामक जहाज द्वारा ट्रान्सवालसे निर्वासित करके भारत भेजा गया । गांधीजीने अटर्नी जनरलको करोड़ियाके मुकदमेके सिलसिलेमें पत्र लिखते हुए सरकारसे अनुरोध किया कि प्रतिष्ठित भारतीयोंकी गिरफ्तारी के वारन्ट जारी कराने में वह न्याय बुद्धिसे काम ले ।

२५ : श्री गोखलेको पत्र लिखकर सूचित किया कि 'सत्याग्रह कोष' का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है।