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हिंदी स्वराज्य

मिल सकता । 'पराधीन सपनेहु सुख नाहीं', यह स्पष्ट है । वे यहाँ हैं, इसलिए हम निर्बल होते जा रहे हैं। हमारा तेज नष्ट हो गया है और हम लोग 'किंकर्तव्यविमूढ़ ' दिखाई पड़ते हैं। वे हमारे देशके लिए काल-स्वरूप हैं। इस कालको हमें जैसे बने वैसे भगाना ही होगा ।

सम्पादक : आप आवेशमें, मैंने जो कुछ कहा था सो सभी-कुछ भूल गये । अंग्रेजोंको हम लाये और वे जो टिके हुए हैं सो भी हमारी बदौलत । आपने उनकी सभ्यता ग्रहण की, इसलिए उनका यहाँ रहना मुमकिन हो गया, इसे आप कैसे भूल सकते हैं ? आप उनसे जो नफरत करते हैं, सो आपको उनकी सभ्यतासे करनी चाहिए। फिर भी अब यह मान लें कि हमें उन्हें लड़कर निकालना है, तो [आप बताइये ] यह कैसे हो सकता है ?

पाठक: जैसे इटलीने किया, वैसे । मेजिनी' और गैरीबाल्डीने जो-कुछ किया, सो हम भी कर सकते हैं। वे बहुत बहादुर थे, क्या आप इससे इनकार कर सकते हैं ?

अध्याय १५ : इटली और भारत

सम्पादक: आपने इटलीका उदाहरण ठीक दिया। मैज़िनी महात्मा थे। गैरि- बाल्डी बड़े भारी योद्धा थे। ये दोनों पूजनीय थे। इनसे हम बहुत सीख सकते हैं। फिर भी इटली और भारतकी दशा अलग-अलग है ।

पहले मैज़िनी और गैरिबाल्डीके बीचका अन्तर समझ लेना चाहिए। मैजिनीका मनोरथ अलग था। मैज़िनी जो सोचते थे, सो इटलीमें नहीं हुआ। मैजिनीने मनुष्य- जातिके कर्तव्यके विषय में लिखते हुए यह बता दिया था कि हर व्यक्तिको स्वराज्य भोगनेवाला बन जाना चाहिए। यह तो उसके लिए स्वप्न-जैसा ही रहा । हमें याद रखना चाहिए कि गैरिबाल्डी और मैजिनीके बीच मतभेद हो गया था। इसके सिवाय गैरिबाल्डीने प्रत्येक इतालवीको शस्त्र दिये और प्रत्येक इतालवीने शस्त्र ले लिये ।

इटली और आस्ट्रियाके बीच सभ्यताका भेद नहीं था । वे 'चचेरे भाई' माने जायेंगे। इटलीका सिद्धान्त था 'जैसेको तैसा' । गैरिबाल्डीको मोह था कि इटलीको विदेशी (आस्ट्रियाकी) गुलामीसे मुक्त किया जाये। इस उद्देश्यसे उसने काबूरके' मारफत जो षड्यन्त्र किये, वे उसके शौर्यको बट्टा लगानेवाले हैं।

और अन्तमें फल क्या हुआ ? यदि आप ऐसा मानते हों कि इटलीमें इतालवी राज्य करते हैं, इसलिए इटलीकी प्रजा सुखी है, तो मुझे आपसे कहना चाहिए कि आप अँधेरेमें भटक रहे हैं। मैज़िनीने साफ-साफ बताया है कि इटली मुक्त नहीं हुआ

१. जोजेफ मैजिनी (१८०५-७२), देखिए “जोजेफ मैज़िनी", खण्ड ५, पृष्ठ ३०-३१ ।

२. जोजेफ गैरिबाल्डी (१८०५-८२), इटलीके एकीकरणके लिए होनेवाले संघर्षके एक नेता; देखिए खण्ड ५, पृष्ठ ३०-३१ ।

३. काउन्ट कैमिलो बॅन्जो काबूर (१८१०-१८६१), इटलीका प्रसिद्ध राजनेता, विक्टर अमैन्युअलके मन्त्रीके रूपमें उसने इटलीके एकीकरणके लिए बहुत-कुछ किया था । विक्टर अमैन्युअल सन् १८६१ में इटलीका राजा घोषित हुआ था ।


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