पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/१४८

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७१. भाषण : तमिल स्वागत-सभामें

[१]

[ जोहानिसबर्ग
दिसम्बर १४, १९०८]

यह हार[२] तमिल कौमको, जिसने अच्छा काम किया है, शोभा देता है । इसलिए मैं इस हारको, जो मुझे पह्नाया गया है, आपके अध्यक्षको पहनाता हूँ । मुझे ज्यादा कुछ नहीं कहना है। यदि आपको ऐसा लगता हो कि तमिल कौमने बहुत अच्छा काम किया है तो आप भी उसके जैसा कर दिखायें। यदि आप पीछे रहेंगे तो आपके विरुद्ध जितना कहा जाये, कम होगा ।

[ गुजराती से ]
इंडियन ओपिनियन, १९-१२-१९०८

७२. नायडू सज्जनों और दूसरोंका मुकदमा

[३]

[ जोहानिसबर्ग
दिसम्बर १८, १९०८]

ट्रान्सवाल लीडर' ने लिखा है कि प्राप्त समाचारोंके अनुसार, कल सुबह (तारीख १८ को) जब बहुत-से भारतीय सन् १९०८ के कानून संख्या ३६ के पालनार्थ वॉन ब्रैंडिस स्क्वेयर में स्थित पंजीयन कार्यालय (रजिस्ट्रेशन ऑफिस) की ओर जा रहे थे, तब " अनाक्रामक प्रतिरोधियोंने [ उनका प्रवेश रोकते हुए ] तुरन्त वहाँ धरना दे दिया। पुलिसको बुलाया गया जिसने वहाँ पहुँचते ही धरनेदारोंकी टोलीमें से चारको गिरफ्तार कर लिया । इनमें सी० के० टी० नायडू भी थे। उसी समय इन चारकी जगहपर दूसरे चार आकर खड़े हो गये, किन्तु वे भी गिरफ्तार कर लिये गये। तब वहाँ भारतीयोंकी भीड़ एकत्र हो गई । फिर और भी गिरफ्तारियाँ हुईं और अन्तमें कोई २७ आदमियोंका, उनपर पंजीयन- प्रमाणपत्र (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) बतानेसे और अँगूठे तथा उँगलियोंकी छाप देने से इनकार करनेका अभियोग लगाकर, चालान कर दिया गया ।

  1. गांधीजीने यह भाषण एक स्वागत समारोह में दिया था, जो उनके तथा इमाम अब्दुल कादिर बावजीर, और कुछ नेटाल भारतीयोंके सम्मानमें भायोजित किया गया था ।
  2. भाषण से पहले गांधीजीको हार पहनाया गया था ।
  3. सी० के० टी० नायडू, एल० आर० नायडू, एल० डी० नायडू, और ए० वी० चेट्टीके मुकदमेका विवरण इंडियन ओपिनियन में “धरनेदार गिरफ्तार • नेता अदालत में " शीर्षकसे प्रकाशित हुआ था ।