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८४. नेटालके शेष नेता

सभी भारतीय यह जानना चाहेंगे कि नेटालके जो नेता ट्रान्सवाल जाकर देशकी खातिर अपने सर्वस्वकी आहुति दे चुके हैं, उनके अतिरिक्त शेष नेटाली नेता क्या कर रहे हैं। हमारा जोहानिसबर्गका संवाददाता नेटालके सम्बन्ध में जो प्रश्न उठाता है वह समझने और सोचने योग्य है। दक्षिण आफ्रिकाका प्रत्येक भारतीय ट्रान्सवालके संघर्ष में सहायता देनेके लिए बँधा है। नेटालका कर्तव्य दोहरा है । किन्तु हमें खेदके साथ कहना पड़ता है कि जो नेता पीछे रह गये हैं वे अपना कर्तव्य पर्याप्त रूप से पूरा नहीं कर रहे हैं। इससे हम सबको अपना सिर नीचा कर लेना चाहिए। इन नेताओंका पहला कर्तव्य तो यह है कि वे कांग्रेस-कोषमें धन- संग्रहकी तैयारी करें। कांग्रेसका खजाना खुट गया है। उसपर कर्ज है। श्री रॉबिन्सनका विधेयक हमारे ऊपर झूल रहा है। नेटालके वीर जेल जायेंगे तो तार देना कांग्रेसका कर्तव्य हो जायेगा; उसके लिए क्या होगा? वह रुपया कहाँसे लायेगा ? ट्रान्सवालमें जेल जानेवाले भारतीयोंके बाल-बच्चे भूखों मरेंगे तो क्या कांग्रेस सहायता न करेगी ? यदि करेगी तो कहाँसे करेगी ?

उगाहीका काम बहुत बार आरम्भ किया गया और वह बहुत बार बन्द हुआ। बड़ी संस्थाओंका काम ऐसे नहीं चलता ।

मेनलाइनका[१] व्यर्थका झगड़ा चल ही रहा है। इस सम्बन्ध में मेनलाइनके नेताओंकी ओरसे श्री मुहम्मद इब्राहीम और श्री खरसानी फोक्सरस्ट जेलमें श्री दाउद मुहम्मदसे मिल आये थे । समझौता लगभग हो गया था, किन्तु पीछे सब पलट गया मालूम होता है। मेनलाइनके' भारतीय नेताओंका यह स्पष्ट कर्तव्य है कि वे इस समय झगड़ा उठाने के बजाय आर्थिक सहायता दें। यदि वे समझ सकें तो सीधी बात तो यह है कि उनकी माँग स्वीकार करने योग्य है; बल्कि वह स्वीकृत हुई जैसी ही है। उनकी माँग यह है कि समितिमें मेनलाइनके पर्याप्त सदस्योंको आनेका अधिकार दिया जाये। यह अधिकार तो सदासे दिया हुआ ही है। फिर भी वे अपने इस अधिकारकी समुचित रक्षाका आश्वासन प्राप्त कर सकते हैं। झगड़े की दूसरी बात यह है कि २५ पौंडसे अधिक रकम खर्च करनेके लिए उनकी स्वीकृति ली जाये। यह मामला छोटा है, फिर भी कांग्रेस इस आशयका प्रस्ताव स्वीकृत कर सकती है। मेनलाइनके' लोगों को समझना चाहिए कि वे इन अधिकारोंको प्राप्त कर सकें, यह व्यवस्था करना दूसरोंका काम नहीं है, बल्कि उनका अपना काम है । कांग्रेस इस सम्बन्ध में " ना" कह ही नहीं सकती। किन्तु इसी कारण 'उगाहीका सारा काम अटकाये रखना कतई शोभनीय नहीं है। हमें आशा है कि मेनलाइनके लोग अपना कर्तव्य पूरा करनेसे न चूकेंगे ।

[ गुजराती से ]
इंडियन ओपिनियन, ९-१-१९०९


 
  1. नेटाल कांग्रेसका एक पक्ष ।