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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

ऐसे निरीह लोगोंके प्रति इस तरहका व्यवहार करना बड़ी लज्जाजनक बात है। मैंने स्वयं अनेक बार, न्यायाधीशकी मौजूदगी में भी, भारतीय सत्याग्रहियोंके साथ ऐसा व्यवहार होते देखा है और इसके विरुद्धकी विनयपूर्वक शिकायत है।

न्यायाधीशने कहा कि मैंने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा। यदि देखा होता तो मैं कभी ऐसा होने नहीं देता। किन्तु मेरा खयाल है कि यह मामला मेरे तय करनेका नहीं है।

अपराधियों को अपना-अपना अपराध स्वीकार करनेपर तीन-तीन मासकी सख्त कैदकी सजा दे दी गई।

श्री गांधीने श्री चेट्टियारकी ओरसे बताया कि उनका मुवक्किल लगभग ५० वर्षकी आयुका है और मधुमेहसे पोड़ित है।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, १९-६-१९०९

१५९. भाषण: सार्वजनिक सभा'[१]

[ जोहानिसबर्ग
जून १६, १९०९]

सभापतिजी, महिलाओ, सज्जनो और मित्रो,

इस दोपहरको हम यहाँ कुछ असाधारण स्थितियोंमें एकत्र हुए हैं; परन्तु यह नहीं कह सकता कि इन स्थितियोंकी आशंका न थी। आप जानते हैं कि जनरल बोथा और जनरल स्मट्स उपनिवेशोंका एक संघराज्य[२] बनानेके सिलसिलेमें शीघ्र ही इंग्लैंड जा रहे हैं। इसलिए कुछ हफ्तोंसे भारतीय समाजके खास-खास लोग इस विषयपर आपसमें विचार-विमर्श कर रहे हैं कि हमें अपना शिष्टमण्डल वहाँ भेजना चाहिए। ट्रान्सवालमें हमारे प्रति सहानुभूति प्रकट करने और रूपमें उचित हर तरह हमारी सहायता करनेके लिए यूरोपीयोंकी जो एक समिति बनी हुई है, उसने भी सलाह दी है कि एक ऐसा शिष्टमण्डल इंग्लैंड जाना चाहिए। आपको पता है कि गत रविवारको समितिकी एक बहुत बड़ी बैठक[३] हुई थी और उसमें बहुत लम्बी चर्चाके बाद भारी बहुमतसे यह प्रस्ताव मंजूर किया गया था कि अगले सोमवारको सत्याग्रहियोंका एक शिष्टमण्डल इंग्लैंड भेजा जाये। समितिने ब्रिटिश भारतीय संघके अध्यक्ष श्री काछलियाको, तमिल समाजके प्रतिनिधि और तमिल कल्याण सभा (तमिल बेनिफिट सोसाइटी) के अध्यक्ष श्री चेट्टियारको, श्री हाजी हवीबको, जो

  1. फोड्सबर्गके हमीदिया मसजिदके मैदान में १६ जूनको कोई डेढ़-दो हजार भारतीयोंकी एक विशेष सार्वजनिक सभा हुई थी। यह सभा ट्रान्सवालकी स्थिति बतानेके लिए इंग्लैंड और भारतको भेजे जानेवाले शिष्टमण्डलोंके प्रतिनिधि चुननेके उद्देश्यसे की गई थी। इसमें ट्रान्सवाल-भरके प्रतिनिधि उपस्थित थे। ब्रिटिश भारतीय संघके कार्यवाहक अध्यक्ष श्री ई॰ एस॰ कुवादियाने सभापतित्व किया था। वे आरम्भमें कुछ देर गुजराती में बोले। उनके बाद गांधीजीने भाषण दिया।
  2. तात्पर्य दक्षिण आफ्रिका के चार उपनिवेशोंके प्रस्तावित यूनियनसे है।
  3. बैठककी कार्यवाही की रिपोर्टके लिए देखिए परिशिष्ट १३।