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भेंट: रायटरके प्रतिनिधिको


"यात्राके विवरण" में यह जोड़ लेना[१]:

श्री सॉवरसे भी, जो केपके मन्त्रिमण्डलके एक सदस्य हैं, भेंट हुई है। उन्होंने बहुत सहानुभूति प्रकट की है और यथा सम्भव सहायता देनेका वचन दिया है। श्री सॉवरने स्वीकार किया कि जो जाति हमारी तरह दुःख उठाती है उसकी माँगोंका अनुचित होना सम्भव नहीं है। उस जातिकी सहायता करना प्रत्येक उदार व्यक्तिका कर्तव्य है। मैं इसको भी सत्याग्रहका ही प्रभाव मानता हूँ। हम जेल न गये होते तो, ऐसे लोग, कुछ सुनते भी नहीं।

मोहनदासके आशीर्वाद

[पुनश्च:]

संस्कृतके वर्गकी बात सबसे करना।

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ४९४०) से।

१७५. भेंट : रायटरके प्रतिनिधिको[२]

[साउदैम्टन
जुलाई १०, १९०९]

हमारे शिष्टमण्डलमें चार आदमी शामिल होनेवाले थे; लेकिन अब दो जेलमें हैं। हमारी गतिविधि बहुत हद तक लॉर्ड ऍम्टहिल और उनकी समितिकी सलाहपर निर्भर करती है। हम महसूस करते हैं कि हमें इस अवसरका, जब दक्षिण आफ्रिकाके इतने राजनयिक इस देशमें हैं, लाभ उठाना चाहिए और देखना चाहिए कि ट्रान्सवालमें ब्रिटिश भारतीय पिछले ढाई बरससे जो बहुत बड़ी तकलीफें उठा रहे हैं क्या उन्हें दूर करनेके लिए कुछ नहीं किया जा सकता। संघ बनानेके सवालसे हमारे कामका कोई गहरा सम्बन्ध नहीं है। हां, इतना कि हर भारतीय महसूस करता है कि ब्रिटिश सरकारको संघके अन्तर्गत दक्षिण आफ्रिकाके ब्रिटिश भारतीयोंके उचित दर्जेके सम्बन्धमें पूरा आश्वासन ले लेना चाहिए। हमें विशेष चिन्ता यह है कि ट्रान्सवाल सरकार और भारतीय समाजके बीच जो खास सवाल हैं वे तय हो जायें। इन सवालोंका निचोड़ निकालें तो असलमें एक ही सवाल यह बन जाता है कि ट्रान्सवालमें सुसंस्कृत भारतीयोंका दर्जा क्या हो और प्रवासियोंके सम्बन्धमें जो सामान्य कानून प्रचलित हो उसके अन्तर्गत उन्हें ट्रान्सवालमें आनेका हक हो या न हो। हमारा कहना यह है कि मौजूदा कानून पूरे भारतके लिए अपमानजनक है, क्योंकि उससे उपनिवेशीय कानून-निर्माणके इतिहास में पहली बार प्रजातीय (रेशियल) प्रतिबन्ध लगता है और इस प्रतिबन्धको हटानेके लिए सैकड़ों ब्रिटिश भारतीयोंने जेल भोगी है। आज भी ट्रान्सवालके कुछ श्रेष्ठ भारतीय अन्तःकरणकी पुकारपर आपत्ति करनेवालोंके रूपमें जेलोंमें हैं।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ७-८-१९०९
  1. देखिए पिछला शीर्षक।
  2. गांधीजी १० जुलाईको हाजी हबीबके साथ जबvइंग्लैंड पहुँचे तब उनसे रायटरके प्रतिनिधिने भेंट की थी।