पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/३६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

दिये गये हैं, वैसे उदाहरण सभी शास्त्रोंमें प्राप्त होते हैं । यह जमाना कुछ ऐसा हो गया है कि हम अपने शास्त्रोंके लिखे हुएको किताबोंमें अंकित चीटियोंकी टाँग समझते हैं और ऐसे आदर्शोंको केवल मुख से बोलकर रह जाते हैं । हम ईश्वरको इतना दूर मानते हैं कि इन उदाहरणोंका असर हमारे कामोंपर बहुत कम होता है । भारतीयोंके लिए यह अवसर कहने की अपेक्षा करनेका है । यदि ईश्वरपर सच्चा विश्वास रखकर सारे भारतीय लड़ें, तो २४ घंटोंमें छुटकारा हो जाये ।

कैदियोंका संघर्ष

अगस्त १४ को जो मद्रासी देशके लिए जेल गये, मैं आजतक उनके नाम नहीं दे पाया । वे नाम अब नीचे दे रहा हूँ :

सर्वश्री कंगा सामी पिल्ले, सावेरी पिल्ले, आर० पकीरी मुदली, राजू नायडू, सुबरायलू नायडू, एस० पावडे नायडू, मुतरामुतु पत्तर, एम० नाडेसन, कंदासामी, मूनसामी नायडू, वी० वरधन, एस० रंगासामी नायडू, वेंकटसामी अपुडु, रंगा पडियाची, आर० जेमिसन, एस० वेलू पडियाची, एस० मुतरामुतु पिल्ले, वी० गोविन्दसामी पडियाची, सी० कंदा मुदले, नरसुमुल्लु, रंगा पंडियाची, नायना नायडू, रामा, नागप्पन नायडू ।

इनमें से बहुतों के पास परवाने (लाइसेंस ) थे, फिर भी उन्होंने बिना परवानोंके फेरी लगाई ।

उनमें से अनेकपर जेलके अधिकारियोंने जुल्म किया और उनसे इतना सख्त काम लिया कि उनकी पीठपर छाले पड़ गये, किन्तु फिर भी उन्होंने उसकी कोई परवाह नहीं की । वे दुबारा भी जेल जाने के लिए तैयार हैं । जेलके मुख्याधिकारीके नाम इसके बारेमें एक हलफिया बयान भेजा गया है और सम्भव है कि अब अधिकारीगण इस प्रकार बरताव न करें । यदि करें भी तो क्या होता है । जितनी अधिक चोट लगेगी, उतनी जल्दी छुटकारा होगा ।

क्रिश्चियानामें

श्री इस्माइल ईसप बेलिमपर बिना परवाना व्यापार करनेके जुर्म में १५ पौंड जुर्माना और न देनेपर एक महीने की जेलकी सजा सुनाई गई । श्री बेलिम जेल चले गये । यह पर्याप्त नहीं हुआ, इसलिए अब उनके नौकर श्री इब्राहीम आदमजी लीमड़ाको भी गिरफ्तार किया है । श्री लीमड़ाको सजा हो सकेगी, ऐसा नहीं लगता । क्योंकि [ सर्वोच्च ] न्यायालयका फैसला है कि नौकरपर बिना परवाना व्यापार करनेका अपराध नहीं लगाया जा सकता ।

ई० एम० पटेल

वेरीनिगिंग में श्री पटेलका माल नीलाम किया गया है । उनपर १ पौंड ७ शिलिंग ६ पेंस जुर्माना हुआ था । इतना जुर्माना वसूल करनेके लिए २० पौंडका माल बेचा गया और कुर्क-अमीनको ६ पौंड ५ शिलिंग ६ पेंस मेहनताना दिया गया । यह तो धेलेका घोड़ा, गिन्नीकी लगामवाली बात हुई। मैं श्री पटेलको बधाई देता हूँ । जब हम इस तरह चारों तरफसे नुकसान उठायेंगे, तभी हमें मुक्ति मिलेगी । अब कौन कह सकता है कि स्मट्स साहब लुटेरोंके दलके सरदार नहीं हैं ?'

१. गांधीजीने अदालत द्वारा वेरीनिगिंगके भारतीय व्यापारियोंके मालकी नीलामीको “ कानून-समर्थित ढाका " कहा था, देखिए खण्ड ८, १४४३१, ४४१ और ४४७-४८ ।

Gandhi Heritage Portal