पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
जोहानिसबर्गकी चिट्ठी

मंगलवार [ सितम्बर १, १९०८]

नेटालके अन्य ग्यारह व्यक्ति

नेटालवासियोंकी और भी खबर आई है । कल रातको ११ व्यक्ति जानेवाले थे, उन्हें श्री वरनॉन ले गये हैं । उन्हें देखनेके लिए कितने ही लोग पार्क स्टेशन तक गये थे और कुछ जेलतक गये । उन्होंने बाहरसे खुराक नहीं ली, जेलकी ही खुराक ली । वे सबके सब तड़के चार्ल्सटाउनसे चलकर फोक्सरस्ट और चार्ज ऑफिस गये तथा वहाँ गिरफ्तार हुए । अब सेठ और शिक्षित, सब फिरसे साथ हो गये हैं । इन सब सज्जनोंने जेलमें ही रहने का निश्चय किया है । भोजन भी जेलका ही लेते हैं । मेरी सलाह है कि वे कपड़े भी जेलके ही लें । मुकदमा कब चलेगा, सो अभी तय नहीं हुआ है । सरकारको यह देखना बाकी है कि कौन-सा अभियोग लगाया जाये । सच्ची लड़ाई लड़नेवाले जमानतपर नहीं छूटते, खुराक भी बाहरसे नहीं मँगाते और सरकार जो कष्ट देती है उसे सहन करते हैं । मैं अपने भाइयोंको सलाह देता हूँ कि वे कोई छुपाकर मँगाई हुई चीज भी न लें । बीड़ी आदिका व्यसन हो, तो उसे भी छोड़ दें । व्यसन छोड़ने से शरीर तथा मनको लाभ होता है । किन्तु यदि उसे कुछ न मानें, तो भी देशके लिए व्यसन छोड़ना अच्छा ही कहा जायेगा ।

हमीदिया इस्लामिया अंजुमनकी सभा

अगस्त ३१ को [ तुर्कीके ] माननीय सुलतानको गद्दीनशीन हुए ३२ वर्ष हो गये और उसी तारीखको अल मदीना' हेजाज रेलवे खोली गई थी, इसलिए उसको यादमें इस अंजुमनने एक जबरदस्त सभा की । उसमें बहुत-से मुस्लिम भाई उपस्थित थे । गोरे भी आमन्त्रित थे । तुर्की के दूत श्री वुल्फगेंग फरेन तथा उनके मित्र श्री पी० आर० क्राउन, जो तुर्किस्तानमें नौकरी कर चुके हैं और जिनको तुर्कीका दूसरे दर्जेका तमगा मिला है, उपस्थित थे । श्री कैलेन बैंक तथा श्री आइज़क भी थे । इनके अतिरिक्त श्री गॉडफ्रे, श्री व्यास, श्री कामा, श्री नायडू तथा श्री गांधी भी वहाँ उपस्थित थे ।

कार्यक्रम बहुत उत्साहपूर्वक और बहुत अच्छे ढंग से सम्पन्न हुआ । छः प्रस्ताव पास किये गये । हेजाज रेलवेके लिए उसी समय चन्दा भी शुरू हुआ । श्री हाजी हबीबने १० पौंड लिखाये । हज्जामोंने ९ पौंडसे अधिक इकट्ठे किये । श्री नवाब खाँने उसी समय १ पौंड दिया । और एक गाड़ीवालेने तालियोंकी गड़गड़ाहटके बीच अपनी दिन-भरकी कमाई ५ शिलिंग दे दी । कई स्थानोंसे तार आये थे । सभी स्थानोंपर मुसलमानोंकी दुकानें बन्द कर दी गई थीं । तारोंमें श्री नगदीका तार जानने योग्य है । श्री नगदीने खबर दी थी कि गोरे और जुलू बच्चोंको मिठाई और पारितोषिक बाँटे गये । यह बहुत ही अच्छी बात है । इससे भारतीय और पूर्वके लोगोंका गौरव प्रकट होता है। गोरे दुश्मनों-जैसा काम करते हैं, फिर भी वार्मबाथुसके भारतीयोंने उनके बच्चोंको मिठाई दी । यह बात उल्लेखनीय और अनुकरणीय है । यहाँ उस्मान मुहम्मदने जुलूस निकाला था । बच्चोंने खेल-कूदमें भाग लिया और उन्हें इनाम दिये गये । शामको आतिशबाजी हुई । सभीको लगा कि हमीदिया अंजुमनका भवन बहुत छोटा है । मैं आशा करता हूँ कि मुस्लिम भाई इस भवनको ऊँचा तथा लम्बा-चौड़ा करके इतना अच्छा कर लेंगे कि वह हमारी धारणाके अनुसार सुन्दर और पूरी तरह उपयोगी भी बन जायेगा ।

१.मूलमें यहाँ हमीदिया" शब्द है ।

Gandhi Heritage Portal